विकासनगर, उत्तराखंड—लखवाड़ बांध परियोजना, जो उत्तराखंड में चल रही सबसे महत्वपूर्ण निर्माण योजनाओं में से एक है, में एक गंभीर घटना सामने आई है। इस घटना में एलएंडटी (Larsen & Toubro) कंपनी के वरिष्ठ प्रबंधक और कर्मचारियों पर हमला कर उन्हें बंधक बना लिया गया। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आठ व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, जिनमें से दो टिहरी गढ़वाल और अन्य जौनसार बावर के निवासी हैं।
घटना 23 अगस्त की सुबह की है जब एलएंडटी के वरिष्ठ प्रबंधक अजय प्रताप सिंह के प्रशासनिक सहायक ओवेस मेराज को विकेश चौहान नामक व्यक्ति ने सूचना दी कि एक शव नाले में पड़ा है। यह शव कंपनी की सहयोगी संस्था एपेक्स इंफ्रा लिंक के कर्मचारी योगेश का था, जो कुंवरपुर, बदायूं (उत्तर प्रदेश) का निवासी था। इस घटना से हड़कंप मच गया और कुछ श्रमिक शव को लेकर कंपनी के टाइम ऑफिस पहुंच गए, जहां उन्होंने अनुचित मांगों को लेकर हंगामा शुरू कर दिया।स्थिति तब और बिगड़ गई जब श्रमिकों ने कंपनी से मुआवजे की मांग की, और जब कंपनी ने न्यायालय द्वारा निर्धारित मुआवजा देने की बात कही, तो गुस्साए श्रमिक उग्र हो गए। इस दौरान करीब 40 लोगों की भीड़ ने एलएंडटी के आवासीय स्थल पर हमला कर दिया, वहां रह रहे कर्मचारियों को बुरी तरह पीटा और उन्हें बंधक बना लिया।
इस हिंसक घटना में अरिंदम मेती, गगन तिवारी और जयेस विजय सहित कई कर्मचारियों को चोटें आईं।पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए, विक्रम सिंह तोमर (ग्राम चोरकुनावा, चकराता), रविंद्र सिंह (ग्राम पुनाहा, कालसी), अंकित पुंडीर (ग्राम तिमलियाल, टिहरी), सुरेंद्र सिंह कैंतुरा (ग्राम कोटी पांव, टिहरी), अंकित तोमर (ग्राम चुनोऊ, लखवाड़), जसवीर (ग्राम चोरकुनावा, चकराता), शेर सिंह (ग्राम जुड्डो, कालसी), गंभीर सिंह (लक्सयार, कालसी) सहित अन्य 40 लोगों के खिलाफ कालसी थाने में मुकदमा दर्ज किया है।
इस घटना ने परियोजना स्थल पर तनावपूर्ण माहौल पैदा कर दिया है, और पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है ताकि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके। इस घटना ने न केवल लखवाड़ बांध परियोजना की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि वहां काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं।
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