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कुमाऊं में भारी बारिश के बाद आई तबाही के निशान अब भी साफ देखे जा सकते हैं। इलाके में अब भी 243 सड़कें मलबे और बोल्डरों से जाम पड़ी हुई हैं, जिससे यातायात और जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित है। चंपावत जिले में सड़कें अवरुद्ध होने के कारण डेढ़ लाख से अधिक की आबादी प्रभावित हो रही है। इसके अलावा, टनकपुर-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग के बाधित होने से करीब एक करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है।

जरूरी वस्तुओं की किल्लत, यातायात ठप

स्वांला के पास टनकपुर-पिथौरागढ़ एनएच पिछले तीन दिनों से बंद पड़ा है, जिससे जरूरी सामान की कमी होने लगी है। रसोई गैस के सिलिंडर और सेना के वाहन भी मार्ग खुलने का इंतजार कर रहे हैं। ताजी सब्जियों की आपूर्ति ठप हो गई है, जिससे स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चंपावत दुग्ध संघ को भी भारी नुकसान हुआ है। प्रबंधक पुष्कर नगरकोटी के अनुसार, प्रतिदिन 18,000 लीटर दूध का उत्पादन होता है, लेकिन सड़कों के बंद होने से लगभग 16,000 लीटर दूध खराब हो रहा है।

कुछ सड़कें खुलीं, लेकिन मुश्किलें कायम

लोहाघाट-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग चौथे दिन के बाद खुल गया है, जिससे सोमवार तक गैस आपूर्ति बहाल होने की उम्मीद है। एनएच के ईई आशुतोष कुमार ने जानकारी दी कि मरोड़ाखान के पास पहाड़ी काटकर सड़क बनाई जा रही है। मार्ग खुलने के बाद चंपावत में फंसी रोडवेज की बसों ने यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाना शुरू कर दिया है। हालांकि, रोडवेज को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। रोडवेज के एजीएम नरेंद्र कुमार गौतम ने बताया कि लोहाघाट डिपो को एनएच बंद होने के कारण तीन दिन में 16 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।

ग्रामीण क्षेत्रों में पुल और सड़कें बहने से संपर्क टूटा

चंपावत के सीमांत मडलक क्षेत्र की डूंगरालेटी ग्राम पंचायत में नागार्जुन धाम को जोड़ने वाला पैदल पुल बह जाने से कई पंचायतों का संपर्क टूट गया है। इसी तरह, मां पूर्णागिरि धाम क्षेत्र में भी सड़कें बंद हैं और बिजली आपूर्ति बाधित हो गई थी, हालांकि कुछ क्षेत्रों में आपूर्ति बहाल कर दी गई है।

सड़कें बंद होने की स्थिति:

– पिथौरागढ़: 49 सड़कें बंद

– चंपावत: 98 सड़कें बंद

– नैनीताल: 58 सड़कें बंद

– अल्मोड़ा: 28 सड़कें बंद

– बागेश्वर: 10 सड़कें बंद

– द्वाराहाट: 27 सड़कें बंद

– चौखुटिया: 30 सड़कें बंद

भूस्खलन में दबे कर्मचारी का शव मिला

रड़गाड़ी क्षेत्र में तीन दिन पहले हुए भारी भूस्खलन में दबे जिलाधिकारी कार्यालय के कर्मचारी चंद्रमोहन पांडे का शव बरामद कर लिया गया है। चंद्रमोहन ट्रैकिंग से लौटते समय भूस्खलन की चपेट में आ गए थे, जिससे उनकी मौत हो गई।

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