उत्तराखंड में 27 जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो गई है। यह ऐतिहासिक कदम राज्य के सभी नागरिकों (अनुसूचित जनजातियों को छोड़कर) पर लागू होगा। यूसीसी के तहत विवाह, लिव-इन रिलेशनशिप, तलाक, उत्तराधिकार और वसीयत से जुड़े नियमों को स्पष्ट और समान बनाया गया है।
क्या है यूसीसी और किस पर लागू होगा?
यूसीसी राज्य के सभी नागरिकों पर लागू होगा, लेकिन अनुसूचित जनजातियों को इससे बाहर रखा गया है। यह नियम उत्तराखंड में रहने वाले और राज्य के बाहर बसे उत्तराखंड के निवासियों पर भी प्रभावी होगा।
रजिस्ट्रेशन के लिए बनाए गए नए प्रावधान
यूसीसी के तहत विवाह, लिव-इन रिलेशनशिप और वसीयत का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है।
- विवाह पंजीकरण:
- 2010 से 2024 के बीच हुए विवाहों का पंजीकरण 6 महीने में कराना होगा।
- नए विवाह का पंजीकरण विवाह की तारीख से 60 दिनों के भीतर अनिवार्य है।
- लिव-इन रिलेशनशिप पंजीकरण:
- यूसीसी लागू होने से पहले की लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण एक महीने में कराना होगा।
- नए लिव-इन संबंधों का पंजीकरण भी एक महीने के भीतर अनिवार्य है।
वसीयत के लिए आधुनिक तकनीकी समाधान
वसीयत को तीन तरीकों से दर्ज किया जा सकता है:
- पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म भरकर।
- हस्तलिखित या टाइप की गई वसीयत अपलोड करके।
- तीन मिनट की वीडियो वसीयत बनाकर।
नए नियमों के तहत तलाक और विवाह विच्छेद
तलाक या विवाह शून्यता के लिए आवेदन करते समय विवाह पंजीकरण, अदालत के आदेश, केस नंबर और बच्चों का विवरण अनिवार्य होगा।
ऑनलाइन प्रक्रिया और पारदर्शिता
- ऑनलाइन पोर्टल: आवेदन और अपील के लिए ucc.uk.gov.in पोर्टल विकसित किया गया है।
- शिकायत और अपील:
- सब रजिस्ट्रार के निर्णय के खिलाफ 30 दिन के भीतर रजिस्ट्रार के पास अपील की जा सकती है।
- रजिस्ट्रार के आदेश के खिलाफ रजिस्ट्रार जनरल के पास अपील का प्रावधान है।
यूसीसी लागू करने की कार्ययोजना
- नोडल अधिकारी: हर जिले में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति।
- जागरूकता अभियान: नागरिकों को जानकारी देने के लिए शॉर्ट वीडियो और बुकलेट जारी।
- हेल्पडेस्क: 1800-180-2525 पर सहायता उपलब्ध।
- प्रशिक्षण: कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) को प्रशिक्षण केंद्र के रूप में नामित किया गया है।
यूसीसी लागू करने की यात्रा
- 27 मई 2022: विशेषज्ञ समिति का गठन।
- 8 फरवरी 2024: विधानसभा में अधिनियम पारित।
- 8 मार्च 2024: राष्ट्रपति की मंजूरी।
- 27 जनवरी 2025: यूसीसी लागू।
निष्कर्ष:
यूसीसी उत्तराखंड में एक ऐतिहासिक बदलाव है। यह समाज में समानता और पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा। विवाह, लिव-इन, तलाक और वसीयत जैसे मामलों में नागरिकों को सरल और स्पष्ट प्रक्रिया का लाभ मिलेगा।