उत्तराखंड में कक्षा 1 से 12वीं तक के 22 लाख से अधिक छात्रों के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई अपार आईडी योजना को समय पर पूरा करने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। नवंबर 2024 तक सभी छात्रों की आईडी बनाने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिलों का प्रदर्शन अत्यंत खराब है। अन्य जिलों की प्रगति भी अपेक्षा से कम रही है।
अपार आईडी: शिक्षा में पारदर्शिता और सुविधा का माध्यम
केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई यह योजना हर छात्र के लिए एक 12 अंकों का स्थायी आईडी कार्ड प्रदान करती है, जो उसकी पूरी शैक्षणिक यात्रा को रिकॉर्ड करेगा। इस आईडी से छात्रों को प्रमाणपत्रों के सत्यापन की आवश्यकता नहीं होगी और उनका शैक्षिक रिकॉर्ड एक ही स्थान पर संरक्षित रहेगा। इससे न केवल शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता आएगी, बल्कि प्रमाणपत्रों से संबंधित फर्जीवाड़ा भी रुकेगा।
जिलों का प्रदर्शन और योजना की धीमी प्रगति
राज्य परियोजना निदेशक कुलदीप गैरोला ने जानकारी दी कि अब तक केवल 50% छात्रों के ही अपार आईडी बन सके हैं। देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जैसे बड़े जिलों में प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। कुछ जिलों का प्रदर्शन निम्नानुसार है:
जिला | छात्र प्रतिशत (आईडी बने) |
---|---|
अल्मोड़ा | 49.32% |
बागेश्वर | 57.06% |
चमोली | 60.24% |
चंपावत | 44.87% |
देहरादून | 17.32% |
हरिद्वार | 25.59% |
नैनीताल | 37.13% |
पौड़ी | 54% |
पिथौरागढ़ | 41.72% |
रुद्रप्रयाग | 38.31% |
टिहरी | 44.29% |
ऊधमसिंह नगर | 31.31% |
उत्तरकाशी | 33.53% |
देशभर में 9-10 दिसंबर को मनाया जाएगा ‘मेगा अपार दिवस’
केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी इस योजना को गति देने के प्रयास कर रही है। इसी क्रम में 9 और 10 दिसंबर को ‘मेगा अपार दिवस’ मनाया जा रहा है। इस दौरान स्कूलों में विशेष अभियान चलाकर अपार आईडी बनाने का कार्य किया जाएगा।
शिक्षा अधिकारियों को सख्त निर्देश
समग्र शिक्षा के अपर राज्य परियोजना निदेशक कुलदीप गैरोला ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दिसंबर माह के भीतर छात्रों की आईडी बनाने का कार्य अनिवार्य रूप से पूरा किया जाए। इसके लिए प्रशासन ने सभी स्कूलों में अभियान को तेज करने के निर्देश दिए हैं।
अपार आईडी से छात्रों को होंगे यह लाभ:
- प्रमाणपत्रों की सत्यापन प्रक्रिया से छुटकारा।
- शैक्षिक रिकॉर्ड की सुरक्षित और स्थायी व्यवस्था।
- फर्जी प्रमाणपत्रों पर लगाम।
- छात्रों को शिक्षा के प्रत्येक स्तर पर समानता और सुविधा।
इस योजना को समय पर पूरा करना राज्य सरकार के लिए प्राथमिकता है, लेकिन इसके धीमे क्रियान्वयन से लक्ष्य प्राप्ति में देरी हो रही है। अब देखना होगा कि आगामी प्रयासों से यह लक्ष्य समय पर पूरा हो पाता है या नहीं।