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उत्तराखंड सरकार ने भू-कानून के उल्लंघन के मामलों में कड़ी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। इस संदर्भ में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि नगर निकाय क्षेत्रों के बाहर एक ही परिवार के सदस्यों द्वारा 250 वर्गमीटर से अधिक भूमि की खरीद एवं उसके अन्य प्रयोजनों के उपयोग से संबंधित मामलों की रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर अनिवार्य रूप से प्रस्तुत की जाए।इसके साथ ही, 12.5 एकड़ से अधिक भूमि खरीदने के लिए आवश्यक अनुमति की प्रक्रियाओं के उल्लंघन के मामलों की भी रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है। यह जानकारी राजस्व परिषद के माध्यम से शासन को भेजी जाएगी। मुख्य सचिव ने यह आदेश गत 7 अक्टूबर को सभी जिलाधिकारियों, मंडलायुक्तों, राजस्व परिषद के आयुक्त एवं सचिव के साथ एक बैठक में जारी किए थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भू-कानून के वर्तमान प्रावधानों के उल्लंघन पर गंभीरता से ध्यान दिया है और उन्होंने राजस्व सचिव को निर्देशित किया है कि ऐसे मामलों में संबंधित भूमि को सरकार के अधीन कर लिया जाए।भू-कानून के तहत, यदि भूमि का उपयोग गलत तरीके से किया जाता है, तो उसे सरकार के अधीन कर लिया जा सकता है। इस पहल से सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि भू-उपयोग के नियमों का पालन हो और अनियोजित विकास को रोका जा सके, जो राज्य की पारिस्थितिकी और सामाजिक ताने-बाने पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इस आदेश के तहत सभी संबंधित अधिकारियों को अपेक्षित कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है, ताकि भूमि के अनियोजित उपयोग को रोका जा सके और राज्य के विकास को एक स्थायी दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।

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