आपदा प्रबंधन और जोखिम न्यूनीकरण में सुधार के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने उत्तराखंड सहित 15 राज्यों के लिए 1115.67 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। इसमें से 139 करोड़ रुपये की राशि उत्तराखंड के लिए निर्धारित की गई है। यह धनराशि राज्य की आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्रणाली को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में दिल्ली में आयोजित उच्च स्तरीय समिति की बैठक में यह फैसला लिया गया। इस बैठक में राष्ट्रीय भूस्खलन जोखिम न्यूनीकरण सहित विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि यह राशि राज्य को आपदा के दौरान संभावित नुकसान को कम करने में मदद करेगी।
सौर ऊर्जा से राज्य को 2026 तक 60 मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य
उत्तराखंड सरकार सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सरकारी भवनों में सोलर पावर प्लांट की स्थापना अनिवार्य कर दी गई है। वर्तमान में 307 सरकारी भवनों में नौ मेगावाट क्षमता के सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं। सरकार का लक्ष्य 2026 तक इसे बढ़ाकर 60 मेगावाट करना है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में 1965 सरकारी भवनों में सोलर प्लांट लगाए जाने का प्रस्ताव है, जिसके लिए 100 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। सौर ऊर्जा से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को ऊर्जा निगम सरकारी कोष में जमा करेगा। इसके लिए ऊर्जा निगम और संबंधित विभागों के बीच विद्युत खरीद अनुबंध किया जाएगा।
सौर ऊर्जा के प्रोत्साहन के लिए सरकारी सहायता
राज्य सरकार सौर ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी प्रदान कर रही है। सरकारी भवनों में सोलर प्लांट लगाने का खर्च निर्माण लागत में जोड़ा जा रहा है। लोक निर्माण विभाग को इसे लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। यह पहल राज्य में हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के साथ-साथ सरकार की आय में वृद्धि का एक साधन भी बनेगी।
सरकार के इन प्रयासों से उत्तराखंड आपदा प्रबंधन और ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों को छूने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
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