उत्तराखंड(Uttarakhand) में भाजपा बदलेगी इतिहास(History)?विधानसभा चुनाव 2022 का बिगुल फूंकते ही यह सवाल (Question)हर किसी के जबान पर है। शुरुआती रूझान की बात करें तो भाजपा(BJP) ने बढ़त बनाई हुई है। आंकड़ों की मानें तो भाजपा 43 विधानसभा सीटों पर आगे दिख रही है। ऐसे में यह साफ हो गया है कि 70 विधानसभा सीटों में भाजपा बहुमत मिलता दिख रहा है।
वहीं,सुबह 11 बजे तक चुनावी परिणामों पर नजर डालें तो कांग्रेस (Congress) 17 विधानसभा सीटों पर आगे है। जबकि बीएसपी(BSP) और दो सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार आगे हैं। लालकुआं विधानसभा सीट से पूर्व सीएम हरीश रावत (CM Harish Rawat) करीब सात हजार वोटों से पीछे चल रहे हैं। शुरुआती दौर में सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) करीब 900 वोटों से पीछे चल रहे थे, लेकिन अब उन्होंने बढ़त बनानी शुरू कर दी है।
राजनैतिक जानकारों कि मानें तो भले ही भाजपा ने तीन-तीन मुख्यमंत्री बदले हों, लेकिन सुशासन और विकास के नाम पर मतदाताओं की पहली पसंद भाजपा ही रही। अगर उत्तराखंड में भाजपा की दोबारा सरकार बनती है तो यह प्रदेश के 20 सालों के इतिहास में पहली बार होगा जब कोई राजनैतिक पार्टी पांच साल के कार्यकाल के बाद दोबारा सरकार बना रही है।
बता दें कि उत्तराखंड (Uttarakhand)में अब तक हुए चार विधानसभा चुनावों का इतिहास ( History) दो दशक पुराना है। उत्तराखंड( Uttarakhand) में पिछले चार चुनावों में बारी-बारी से कांग्रेस (Congress)और भाजपा (BJP) सत्ता पर काबिज रही हैं लेकिन किसी भी पार्टी ने लगातार दूसरी बार कुर्सी हासिल नहीं की। 2002 के चुनाव में कांग्रेस ने सरकार बनाई तो 2007 में भाजपा ने। इसके बाद 2012 में फिर कांग्रेस सत्ता में आई तो 2017 में फिर भाजपा ने प्रदेश में सरकार बनाई। इस बार क्या होगा, आज के नतीजे आने के बाद साफ हो जाएगा।
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एग्जिट पोल में थी कड़ी टक्कर
आपको बता दें कि 7 मार्च को आए कई एक्जिट पोल (exit Pol) में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली थी। दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच कांटे की टक्कर या त्रिशंकु विधानसभा की संभावना व्यक्त की है। ऐसे परिदृश्य में सरकार बनाने में निर्दलीय, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और उत्तराखंड (Uttarakhand)क्रांति दल जैसे क्षेत्रीय दलों से विजयी प्रत्याशियों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी।