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देहरादून (एएनआई): उत्तराखंड में निकाय चुनाव का प्रचार जोरों पर है। 23 जनवरी को 100 नगर निकायों के लिए मतदान होना है, जिसमें 11 नगर निगम, 43 नगर पालिका और 46 नगर पंचायतों के प्रतिनिधि चुने जाएंगे। प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। खासकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कांग्रेस पर आक्रामक रुख अपनाते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

47 सीटों पर निर्विरोध चुने गए प्रत्याशी

इस बार निकाय चुनाव में 47 सीटों पर प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं। इनमें 1 नगर पालिका परिषद अध्यक्ष, 2 नगर पंचायत अध्यक्ष, 14 नगर निगम सभासद, 20 नगर पालिका परिषद सदस्य और 10 नगर पंचायत सदस्य शामिल हैं। शेष सीटों के लिए 23 जनवरी को मतदान होगा।

चुनाव प्रचार में तीखी बयानबाजी

प्रत्याशी अपने प्रचार में पूरी ताकत झोंक रहे हैं। साथ ही, बड़े नेताओं ने भी मैदान संभाल लिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रचार में आने से पहले ही कांग्रेस ने असहजता जताई है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने विकास कार्य नहीं किए, इसलिए उन्हें योगी आदित्यनाथ को बुलाना पड़ रहा है।

सीएम धामी का कांग्रेस पर हमला

देहरादून में प्रचार सभा के दौरान सीएम धामी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा,
“कांग्रेस के प्रत्याशी मंदिरों में वोट मांगने नहीं जा रहे हैं और घर-घर जाने से बच रहे हैं, लेकिन मस्जिदों में जाने से परहेज नहीं कर रहे। भाजपा सरकार समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू कर रही है, राम मंदिर बना रही है और अनुच्छेद 370 को हटा चुकी है। देहरादून को स्वच्छ और विकसित शहर बनाने के लिए भाजपा को वोट दें।”

टिहरी में कांग्रेस को बताया भ्रष्टाचार का प्रतीक

टिहरी में एक चुनावी सभा के दौरान सीएम धामी ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा,
“बीजेपी सरकार उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। दूसरी ओर, कांग्रेस सिर्फ इस कोशिश में है कि निकाय चुनाव में किसी तरह उनका खाता खुल जाए और वे फिर से भ्रष्टाचार का खेल शुरू कर सकें। अगर गलती से कांग्रेस जीत गई, तो अगले पांच साल तक केवल बहाने बनाएगी कि हमारी सरकार नहीं है, इसलिए काम नहीं कर सकते।”

कोटद्वार में कांग्रेस पर स्वार्थी होने का आरोप

कोटद्वार में प्रचार के दौरान भी सीएम धामी ने कांग्रेस को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा,
“कांग्रेस स्वार्थ की राजनीति करती है। उनके पास राज्य के विकास का कोई विजन नहीं है। बीजेपी के नेतृत्व में उत्तराखंड प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है, और इसे जारी रखने के लिए जनता को भाजपा को समर्थन देना चाहिए।”

निष्कर्ष

उत्तराखंड में निकाय चुनाव के प्रचार ने राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अपनी-अपनी रणनीतियों के साथ मैदान में हैं। अब देखना यह है कि 23 जनवरी को जनता किसे अपना समर्थन देती है।

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