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उत्तराखंड के जौनसार-बावर और पछवादून क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन का सिलसिला जारी है। इस कारण से 11 मोटर मार्ग बंद हो गए हैं, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। किसानों को अपनी उपज दिल्ली और अन्य मंडियों तक पहुँचाने में मुश्किलें हो रही हैं। करीब 70 गांवों की दिनचर्या भी इससे बुरी तरह प्रभावित हुई है।हालांकि, इन दिनों जौनसार-बावर में बारिश नहीं हो रही है, फिर भी भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। टोंस नदी का जलस्तर लगातार चेतावनी स्तर से ऊपर बना हुआ है, जिसके कारण इच्छाड़ी डैम से अतिरिक्त पानी छोड़ा जा रहा है।इसके अलावा, देहरादून के दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग और कई अन्य स्थानीय मार्गों पर भूस्खलन के कारण यातायात ठप हो गया है। लोनिवि (लोक निर्माण विभाग) द्वारा मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं, लेकिन मार्गों को पूरी तरह से खोलने में अभी समय लगेगा। डाकपत्थर में यमुना का जलस्तर चेतावनी स्तर के करीब पहुँच चुका है, जबकि इच्छाड़ी में टोंस नदी का जलस्तर चेतावनी स्तर को पार कर चुका है।

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ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जलस्तर और भूस्खलन के खतरे के चलते सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

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