उत्तराखंड में पहला कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट लगाने वाली रुद्रपुर ग्रीन एनर्जी कंपनी रुद्रपुर में अब वायु मंडल की वाष्प और भाप से पीने का पानी का प्लांट लगा सकती है।इस विषय में अधिकारियों द्वारा रुद्रपुर नगर निगम के मेयर एवं नगर आयुक्त से भी बातचीत की गई है।


दरअसल,कचरे से सीएनजी और सीएनजी से बिजली बनाने के बाद अब रुद्रपुर ग्रीन एनर्जी कंपनी वायु से पीने का पानी बनाने की पहल करने जा रही है। जी हाँ, कंपनी ने एरो वाटर प्राइवेट लिमिटेड के साथ अनुबंध कर लिया है। रुद्रपुर ग्रीन एनर्जी कंपनी के निदेशक समीर रेगे और परियोजना प्रभारी विकास कुमार ने बताया कि आधुनिक तकनीक के दौर में अब वाष्प, भाप और नमी से पीने का पानी बनाने का प्लांट लगने लगा है।


उन्होंने यह भी बताया कि इस तकनीक का इस्तेमाल कर जीवन में कभी भी पानी की कमी महसूस नहीं होगी।करोड़ों रुपये की लागत से लगने वाले प्लांट को लेकर रुद्रपुर नगर निगम से संपर्क किया गया है। हालांकि अभी मेयर रामपाल और नगर आयुक्त विशाल मिश्रा प्लांट को लगाने के लिए उच्चाधिकारियों से विचार कर रहे हैं।


बता दें की कंपनी की ओर से रुद्रपुर की कल्याणी नदी की सफाई व उसका जीर्णोद्धार करने के लिए भी परियोजना बनाई है। कल्याणी नदी के समीप जगह-जगह ट्रीटमेंट प्लांट लगाने से वह स्वच्छ हो सकती है। अधिकारियों ने बताया कि कंपनी की ओर से किसानों के लिए खाद के खर्चे को कम करने के लिए कल्याणी ब्रांड के तहत तरल खाद कम्युनिटी टैंक लांच करने की भी परियोजना बनाई है। शहर के विभिन्न स्थलों पर खाद केंद्र बनाए जाएंगे।

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इतना ही नहीं रुद्रपुर ग्रीन एनर्जी कंपनी के परियोजना प्रभारी विकास कुमार ने बताया कि बिल्ड ऑन ऑपरेट एंड ट्रांसफर के तकनीक से कंप्रेस्ड बायोगैस संयंत्र की स्थापना की है। बताया कि पहले चरण में परियोजना की क्षमता प्रतिदिन 20 टन गीले बायोडिग्रेडेबल कचरे का उपयोग करते हुए कंप्रेस्ड बायोगैस के साथ सूखा और तरल जैविक खाद का उत्पादन किया जा रहा है। बताया कि जल्द ही प्लांट की क्षमता 50 टन गीले कचरे से सीएनजी बनाने तक की है। बताया कि बायोगैस का उपयोग खाना बनाने और बिजली उत्पादन के लिए किया जाएगा। कंप्रेस्ड बायोगैस का उपयोग परिवहन के लिए वाहन के ईंधन के रूप में किया जाएगा।

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