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उत्तराखंड में सहकारी समितियों के चुनाव का कार्यक्रम पहले 21 और 22 नवंबर को निर्धारित किया गया था, लेकिन केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर अब इसे स्थगित कर दिया गया है। नई तिथि के अनुसार, प्रदेश की बहुउद्देशीय प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियों के चुनाव अब 16 और 17 दिसंबर को होंगे। सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण के अध्यक्ष हंसा दत्त पांडे ने इस बदलाव की पुष्टि करते हुए आवश्यक आदेश जारी किए हैं।सहकारी समितियों के चुनाव में जिला और राज्य स्तर पर अध्यक्षों व उपाध्यक्षों के चयन के साथ-साथ प्रबंध कमेटी के सदस्यों का चुनाव भी शामिल है। छह नवंबर को अनंतिम मतदाता सूची जारी की जानी थी, जिसके बाद आठ नवंबर को आपत्तियों को सुना जाना था। अंतिम मतदाता सूची 11 नवंबर को जारी की जानी थी और नामांकन पत्रों की बिक्री के साथ 13 नवंबर तक जमा करने की प्रक्रिया होनी थी। लेकिन विधानसभा उपचुनाव के चलते चुनाव कर्मचारियों की कमी की संभावना के कारण यह कार्यक्रम आगे बढ़ा दिया गया है।

33 फीसदी महिला आरक्षण के मद्देनजर नियम में छूट का प्रस्ताव

पहली बार प्रदेश की सहकारी समितियों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, उत्तराखंड राज्य सहकारी समिति निर्वाचन नियमावली 2018 के अनुसार, केवल वे सदस्य जो चुनाव से 45 दिन पहले सदस्य बने हों और जिन्होंने पिछले तीन सालों में किसी भी साल समिति से लेन-देन किया हो, वे मतदान कर सकते हैं। इस नियम के चलते कई महिलाएं मतदान से वंचित हो रही थीं, जिसके कारण उनके आरक्षण का लाभ मिलना कठिन हो रहा था। इसे देखते हुए सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण ने शासन को नियम में छूट देने का प्रस्ताव भेजा है ताकि सभी योग्य महिलाएं मतदान कर सकें और आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकें।

आगामी चुनावी प्रक्रिया

चुनावी प्रक्रिया के अंतर्गत मतदाता सूची, नामांकन प्रक्रिया और चुनाव प्रचार को सुचारू रूप से संचालित किया जाएगा। प्रदेश की 674 सहकारी समितियों में चुनाव के प्रति प्रतिनिधियों का उत्साह देखते हुए प्राधिकरण ने चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुगमता बनाए रखने का संकल्प लिया है।

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