उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा के सामने आने वाले समय में चुनौतियां और बढ़ने वाली हैं। पार्टी हाईकमान ने समन्वय समिति की बैठक से ठीक पहले जिला और ब्लॉक स्तर पर की गई नियुक्तियों को रद्द कर दिया है, जिससे यह साफ है कि संगठन के भीतर समन्वय की कमी है। अब माहरा को समन्वय समिति के साथ मिलकर नगर निकाय, पंचायत चुनाव और केदारनाथ उपचुनाव की रणनीति तैयार करनी होगी।
देहरादून: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा के लिए आगामी समय में चुनौतियां और गंभीर होती जा रही हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों के साथ तालमेल बैठाए बिना संगठन को आगे ले जाना उनके लिए कठिन साबित हो सकता है। हाल ही में, समन्वय समिति की बैठक से दो दिन पहले पार्टी हाईकमान द्वारा जिला और ब्लॉक स्तर की नियुक्तियों को निरस्त किया गया, जिससे यह संकेत मिलता है कि पार्टी में भीतरखाने कुछ असहमति और समन्वय की कमी है।
करन माहरा को 2022 में मिली थी जिम्मेदारी
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद, पार्टी हाईकमान ने करन माहरा को प्रदेश संगठन की कमान सौंपी थी। लगभग ढाई वर्षों के इस कार्यकाल में उनकी सबसे बड़ी चुनौती पार्टी के दिग्गज नेताओं और विधायकों के साथ समन्वय बनाकर चलने की रही है। कई वरिष्ठ नेताओं और विधायकों ने माहरा पर संगठनात्मक निर्णयों में उन्हें शामिल न करने का आरोप लगाया है, जिससे उनके नेतृत्व पर लगातार सवाल उठते रहे हैं।#
समन्वय की कमी बनी प्रमुख मुद्दा
वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों में हार के कारणों की जांच के लिए पार्टी हाईकमान द्वारा भेजी गई फैक्ट फाइंडिंग टीम के समक्ष भी समन्वय की कमी का मुद्दा प्रमुखता से उठा। इसके बाद, प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने दिल्ली में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं और विधायकों के साथ बैठकें कीं, जिनमें करन माहरा पर गंभीर आरोप लगे। यह भी आरोप लगाया गया कि जिला और ब्लॉक स्तर पर की गई नियुक्तियों में स्थानीय विधायकों और नेताओं को विश्वास में नहीं लिया गया था, और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) से स्वीकृति नहीं ली गई थी।
नियुक्तियों का रद्द होना और समन्वय समिति का गठन
कांग्रेस हाईकमान ने इन नियुक्तियों को रद्द करते हुए इसे संगठनात्मक अनुशासन का उल्लंघन माना। इसके बाद, दिल्ली में हुई बैठकों में समन्वय समिति के गठन का निर्णय लिया गया, जिसमें सभी प्रमुख नेताओं को शामिल किया गया है। समिति में पहले 19 सदस्य थे, जिन्हें बाद में बढ़ाकर 23 किया गया। अब इस समिति की बैठक प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में हो रही है, जिसमें आगामी चुनावों की रणनीति बनाई जाएगी।
कौन होंगे बैठक में शामिल?
बैठक में प्रदेश सह प्रभारी सुरेंद्र शर्मा शामिल होंगे, जबकि कुमारी सैलजा वर्चुअल माध्यम से बैठक में भाग लेंगी। इस समिति का गठन करन माहरा की अध्यक्षता में किया गया है। दिलचस्प बात यह है कि करन माहरा को ढाई साल बीतने के बावजूद नई प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी नहीं मिल पाई है। अब उन्हें आगामी नगर निकाय और पंचायत चुनावों में समन्वय समिति के साथ मिलकर संगठनात्मक निर्णय लेने होंगे।इस समन्वय समिति के गठन से साफ है कि पार्टी अब बड़े फैसले सामूहिक रूप से लेना चाहती है, ताकि भविष्य में किसी प्रकार का असंतोष या असमंजस पैदा न हो। करन माहरा के लिए यह एक अहम अवसर है कि वे संगठन के भीतर समन्वय स्थापित करें और आगामी चुनावों में पार्टी की सफलता सुनिश्चित करें।
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