Uniform Civil Code लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर भाजपा ने बेहद सधे अंदाज में समान नागरिक संहिता को आगे बढ़ाया तो कांग्रेस चाहते हुए भी पलटवार में आक्रामक रुख अपनाने से पीछे हटती दिखाई दी। उत्तराखंड की जनसांख्यिकीय परिस्थिति और आधी आबादी महिलाओं से जुड़ा विषय होने के कारण विधानसभा सत्र के तीनों दिन कांग्रेस ने समान नागरिक संहिता को लेकर सतर्कता बरती।
कांग्रेस के लिए समान नागरिक संहिता का मुद्दा गरम दूध बन गया है। विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस को भाजपा के तीखे प्रहार के बावजूद आक्रामक रुख छोड़ना पड़ा। यही नहीं, सत्तापक्ष की ओर से भड़काने के लिए अन्य मुद्दे उठाने पर भी प्रमुख विपक्षी पार्टी ने संयत रहने की रणनीति पर अधिक विश्वास किया।
लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर भाजपा ने बेहद सधे अंदाज में समान नागरिक संहिता को आगे बढ़ाया तो कांग्रेस चाहते हुए भी पलटवार में आक्रामक रुख अपनाने से पीछे हटती दिखाई दी।
उत्तराखंड की जनसांख्यिकीय परिस्थिति और आधी आबादी महिलाओं से जुड़ा विषय होने के कारण विधानसभा सत्र के तीनों दिन कांग्रेस ने समान नागरिक संहिता को लेकर सतर्कता बरती। पार्टी ने विभिन्न मुद्दों को लेकर विधानसभा मंडप के बाहर प्रदर्शन हो अथवा सदन में चर्चा समान नागरिक संहिता को लेकर तीखी टिप्पणी से बचने की कोशिश की।
BJP विधायकों व मंत्रिमंडल सदस्यों ने यूसीसी को लेकर कांग्रेस पर साधा निशानाचर्चा के दौरान कांग्रेस के इस शांत रुख को देखते हुए सत्तारूढ़ दल भाजपा के विधायकों के साथ ही मंत्रिमंडल के सदस्यों ने भी समान नागरिक संहिता अब तक अस्तित्व में नहीं आने के लिए सीधे तौर पर कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया।
इसे लेकर प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर कांग्रेस के दिग्गज नेता भाजपा के निशाने पर रहे। इस प्रहार के बाद भी कांग्रेस के विधायकों ने समान नागरिक संहिता को छोड़कर अन्य सभी ज्वलंत विषयों पर भाजपा और प्रदेश सरकार को निशाने पर लिया।
समान नागरिक संहिता को लेकर कोई टिप्पणी से तिल का ताड़ न बनने पाए, इसका विशेष ध्यान रखा गया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने सदन में कांग्रेस के शांत रुख का हवाला दिया तो सत्तापक्ष की ओर से किए जा रहे हमले के बावजूद आक्रामक नहीं होने की पार्टी की रणनीति को स्पष्ट भी किया।