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टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक के भिलंग पट्टी क्षेत्र में मंगलवार रात को बादल फटने से भारी तबाही मच गई। इस आपदा से 13 गांवों में भूस्खलन और मलबे की चपेट में आने से व्यापक नुकसान हुआ। देखते ही देखते गांवों में बोल्डर और मलबे का ढेर लग गया, जिससे दो मकान पूरी तरह ध्वस्त हो गए और तीन मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। घटना के दौरान ग्रामीणों ने किसी तरह अपने घरों से बाहर निकलकर जान बचाई। इस भूस्खलन में पांच गोशालाएं भी ध्वस्त हो गईं, जिससे 14 मवेशी मलबे में दब गए। बिजली, पानी और संचार लाइनों के क्षतिग्रस्त होने से कई गांवों का संपर्क भी टूट गया है। राहत और बचाव कार्य के लिए प्रशासन की टीमें गांवों में पहुंच चुकी हैं। घुत्तू गांव के दो परिवारों के 10 सदस्यों को नवजीवन आश्रम में शिफ्ट किया गया है।घटना के बाद से 15,000 की आबादी भयभीत है और रातभर जागती रही। बारिश का सिलसिला रात 11 बजे से शुरू हुआ और इसके बाद गांवों के पास बहने वाले गदेरों में पानी उफनने लगा, जिससे मलबा मकानों की ओर बहने लगा। हालाँकि, ग्रामीणों ने पहले ही अपने घरों से निकलना शुरू कर दिया था, जिससे बड़ा हादसा टल गया। घुत्तू के मलेथी तोक में दुर्गा देवी और जोगियाड़ा गांव की धनपति देवी के मकान मलबे से ध्वस्त हो गए, लेकिन दोनों परिवारों के सदस्यों ने किसी तरह भागकर जान बचाई। इस आपदा से थाति भिलंग, सांकरी, मलेथा, लोम, चक्रगांव, समणगांव, मिसवाली, भाट्गांव, अंकवाण गांव, रैतगांव, जोगियाणा, भेलुन्ता गांव की पेयजल लाइनों सहित कई अन्य गांवों की बिजली आपूर्ति ठप हो गई। पूर्व जिला पंचायत सदस्य केदार बड़थ्वाल ने बताया कि आपदा से डरकर लोग रातभर जागते रहे और सुरक्षित स्थानों पर शरण ली। ग्रामीणों ने पंचायत घर, स्कूल और पड़ोसियों के यहां जाकर शरण ली। अब प्रशासन की टीमों द्वारा राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है।

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