उत्तराखंड सरकार ने राज्य के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के विकास और विस्तार के लिए 50 करोड़ रुपये के बजट प्रावधान की घोषणा की है। यह कदम उन उद्यमियों के लिए राहत लेकर आया है जो भूमि की अनुपलब्धता के कारण अपने उद्योग स्थापित करने में कठिनाइयों का सामना कर रहे थे।

राज्य में एमएसएमई उद्योगों की स्थिति

उत्तराखंड में कुल 2,58,288 उद्योग पंजीकृत हैं, जिनमें से 86 प्रतिशत एमएसएमई श्रेणी में आते हैं। एमएसएमई उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और जीडीपी में इनका योगदान 13.1 प्रतिशत है। इस वित्तीय प्रोत्साहन से न केवल राज्य की आर्थिक गति को बल मिलेगा, बल्कि नए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।

एमएसएमई के लिए बजटीय प्रावधान और संभावनाएं

एमएसएमई सेक्टर को दिए गए 50 करोड़ रुपये का बजट उन उद्यमियों के लिए अत्यंत सहायक होगा जो अब तक भूमि की कमी के चलते अपने उद्योग शुरू नहीं कर पाए थे। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड का मानना है कि पहाड़ी जिलों में बड़े उद्योगों की संभावनाएं सीमित होने के कारण एमएसएमई उद्योग ही आर्थिक विकास का प्रमुख जरिया हो सकते हैं। इन क्षेत्रों में भूमि उपलब्धता, कच्चे माल का आयात और तैयार उत्पादों के निर्यात की सीमित सुविधाओं के बावजूद, एमएसएमई उद्योग राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

स्टार्टअप और नवाचार को बढ़ावा

नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने ‘प्रमोशन ऑफ इन्वेस्टमेंट, स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योरशिप’ योजना के तहत 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। यह बजट स्टार्टअप ईकोसिस्टम को विकसित करने में सहायक होगा और उद्योग-आधारित पाठ्यक्रमों को लागू करने में योगदान देगा, जिससे युवाओं को नवीन अवसर प्राप्त होंगे।

उत्तराखंड में एमएसएमई उद्योगों का जिला-वार वितरण

जिलासूक्ष्मलघुमध्यम
अल्मोड़ा94325203
बागेश्वर36622001
चमोली72679001
चंपावत45765000
देहरादून731251610135
हरिद्वार451531430168
नैनीताल2541870141
पौड़ी1003414816
पिथौरागढ़74846602
रुद्रप्रयाग43482202
टिहरी89989908
यूएस नगर465941838140
उत्तरकाशी56863902

निष्कर्ष

उत्तराखंड सरकार का यह बजट राज्य के उद्योग जगत के लिए सकारात्मक संकेत लेकर आया है। एमएसएमई सेक्टर को दी गई वित्तीय सहायता से नए उद्यमियों को व्यापार शुरू करने में सहायता मिलेगी और आर्थिक विकास की नई राहें खुलेंगी। साथ ही, स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने वाली योजनाएं राज्य में नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने में सहायक साबित होंगी।

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