उत्तराखंड में सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला चंपावत जिले के लोहाघाट का है, जहां पिथौरागढ़ में चल रही सेना भर्ती से लौट रहे मध्य प्रदेश के युवाओं की कार अनियंत्रित होकर लोहावती नदी में जा गिरी। इस दर्दनाक हादसे में वाहन चालक समेत नौ युवक गंभीर रूप से घायल हो गए।
रेस्क्यू ऑपरेशन और स्थानीय प्रशासन की तत्परता
दुर्घटना की सूचना मिलते ही तहसीलदार जगदीश सिंह नेगी और एसएचओ अशोक कुमार के नेतृत्व में पुलिस, फायर ब्रिगेड और नगर पालिका की टीम मौके पर पहुंची। स्थानीय युवाओं की मदद से सभी घायलों को नदी से बाहर निकाला गया। बचाव अभियान में स्थानीय युवा अजय ढेक और नगर पालिका के कर्मचारी सुमित गड़कोटी की भूमिका बेहद सराहनीय रही। दोनों ने जान की परवाह किए बिना घायलों को बचाने में अहम योगदान दिया।
घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया
घायलों को 108 एंबुलेंस के माध्यम से चंपावत जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां सभी का इलाज चल रहा है। घायलों में वाहन चालक पिथौरागढ़ का निवासी बताया जा रहा है, जबकि बाकी आठ युवक मध्य प्रदेश से हैं, जो सेना भर्ती प्रक्रिया में शामिल होकर घर लौट रहे थे।
घटना स्थल पर चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू अभियान
शिवालय पुल से लोहावती नदी में गिरी ईको कार को निकालने और घायलों को बचाने में बचाव दल को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। रेस्क्यू अभियान में नगर पालिका के ईओ सौरभ नेगी, प्रमोद महर, राजस्व उप निरीक्षक नीरज कुमार, पुलिसकर्मी गोपाल सनवाल, ललित रावल, सुनील कुमार और संजय जोशी समेत कई अन्य लोगों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
स्थानीय प्रशासन ने की अपील
तहसीलदार जगदीश सिंह नेगी ने कहा कि घायलों की हालत फिलहाल स्थिर है और सभी को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने स्थानीय लोगों और यात्रियों से अपील की कि पहाड़ी इलाकों में ड्राइविंग करते समय सावधानी बरतें और यातायात नियमों का पालन करें।
यह घटना एक बार फिर उत्तराखंड की सड़कों पर बढ़ते हादसों और यातायात सुरक्षा की अनदेखी की ओर इशारा करती है। प्रशासन और स्थानीय निवासियों के सहयोग से समय पर राहत कार्य संभव हुआ, जिससे बड़ी जनहानि टल गई।
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