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देहरादून में महापौर पद के लिए भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार में जुटे हैं। भाजपा के सौरभ थपलियाल और कांग्रेस के वीरेंद्र पोखरियाल ने गुरुवार को दरबार साहिब पहुंचकर मत्था टेका और श्रीमहंत देवेंद्र दास से आशीर्वाद लिया। इस दौरान दोनों प्रत्याशियों की आपस में मुलाकात हुई, जहां उन्होंने एक-दूसरे को शुभकामनाएं दीं और गले लगकर सौहार्द्र का संदेश दिया।

सौरभ थपलियाल ने वरिष्ठ भाजपा नेताओं से की मुलाकात

दरबार साहिब में मत्था टेकने के बाद भाजपा प्रत्याशी सौरभ थपलियाल ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने जोत सिंह बिष्ट, विनय गोयल, अशोक कुमार, राजपुर रोड विधायक खजान दास, धर्मपुर विधायक विनोद चमोली और वरिष्ठ नेता आरपी रतूड़ी से मुलाकात कर चुनावी रणनीति पर विचार-विमर्श किया।

सौरभ थपलियाल ने हिम्मत सिंह, कमलेश रमन, शांति रावत, देवेंद्र पाल मोंटी, राहुल पंवार और रोहन चंदेल जैसे पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ भी बैठक की। इस दौरान चुनाव प्रचार को प्रभावी बनाने और क्षेत्रीय मुद्दों को उठाने की रणनीति पर चर्चा हुई।

वीरेंद्र पोखरियाल ने बहुजन समाज के वरिष्ठजनों से की बैठक

कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र पोखरियाल ने भी दरबार साहिब में मत्था टेकने के बाद विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने बहुजन समाज के वरिष्ठजनों और सामाजिक संगठनों से जुड़े बुद्धिजीवियों के साथ बैठक की। इस बैठक में समाज की समस्याओं और उनके समाधान पर गहन चर्चा हुई।

वीरेंद्र पोखरियाल ने सभी सुझावों को अपने एजेंडे में शामिल करने का भरोसा दिया और कहा कि वह पूरी निष्ठा के साथ इन समस्याओं के समाधान के लिए काम करेंगे।

बहुजन समाज पार्टी का कांग्रेस को समर्थन

बहुजन समाज पार्टी ने नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र पोखरियाल को अपना पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की। इस अवसर पर गोपाल दादर, देवेंद्र सिंह, रामू राजौरिया, बाबू लाल टांक, मोहन काला, सुरेश कुमार, मदन लाल, आशीष देसाई, कैलाश वाल्मीकि और सुरेंद्र सूद जैसे कई प्रमुख लोग मौजूद रहे।

दोनों पार्टियों ने कार्यकर्ताओं के साथ बनाई रणनीति

दिनभर दोनों प्रत्याशियों के आवास पर कार्यकर्ताओं का जमावड़ा लगा रहा। भाजपा और कांग्रेस, दोनों ने अपने-अपने समर्थकों और पार्टी नेताओं के साथ चुनाव प्रचार की योजना बनाई। दोनों ही पार्टियां महापौर पद पर जीत हासिल करने के लिए पूरी तरह सक्रिय हैं।

इस प्रकार, उत्तराखंड निकाय चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी न केवल जनता का समर्थन पाने की कोशिश कर रहे हैं, बल्कि एक-दूसरे के प्रति सौहार्द्रपूर्ण व्यवहार से भी मिसाल पेश कर रहे हैं।

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