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उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में इकबालपुर चीनी मिल प्रबंधन द्वारा किए गए करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। गन्ना प्रबंधक पवन ढींगरा और एकाउंटेंट उमेश शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है, जो इस मामले के प्रमुख आरोपितों में शामिल हैं। जांच में खुलासा हुआ कि 2008 से 2020 के बीच मिल प्रबंधन ने 724 किसानों के फर्जी दस्तावेज तैयार करके पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की इकबालपुर शाखा से 36.50 करोड़ रुपये का कृषि ऋण लिया था।

बैंक प्रबंधक की मिलीभगत से फर्जी किसानों को बनाया गया

इस घोटाले में पंजाब नेशनल बैंक के तत्कालीन प्रबंधक की संलिप्तता भी सामने आई है। बैंक के दस्तावेजों से पता चला कि उस समय बैंक प्रबंधक ने चीनी मिल गेट पर काम करने वाले मोची, पंचर जोड़ने वाले और माली जैसे लोगों को किसानों के रूप में प्रमाणित कर उनके नाम पर संयुक्त बैंक खाते खोल दिए थे। इन फर्जी खातों के जरिए धनराशि निकाली गई, जिससे कई वर्षों तक इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया।

फर्जी दस्तावेज और हस्ताक्षरों का खेल

तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर और मुहर का उपयोग कर जमीन के नकली दस्तावेज तैयार किए गए थे। इसी तरह ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षकों के भी फर्जी हस्ताक्षर कराए गए थे। यहां तक कि कई किसानों की बेटियों और पत्नियों को भी किसान दिखाकर उनके नाम पर ऋण लिया गया, जबकि उनके नाम पर कोई जमीन नहीं थी।

जांच की प्रगति और अन्य आरोपितों की तलाश

पुलिस और सीबीसीआईडी मामले की जांच में जुटे हैं, और पुलिस अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने कहा कि बैंक प्रबंधक समेत अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी जल्द की जाएगी।

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