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खबर उत्तरकाशी के पुरोला में उपजे विवाद के 23 दिन बाद समुदाय विशेष की आठ दुकानें खुल गई हैं। पुलिस के पहरे के बीच इन व्यापारियों ने अपनी दुकानें खोली हैं। वहीं पुरोला में अब हालात सामान्य हैं। हालांकि अभी भी पुलिस और प्रशासन सभी स्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं। बीते शुक्रवार को प्रशासन ने पुरोला तहसील से धारा 144 भी हटा दी थी।


जी हाँ,26 मई को पुरोला में एक नाबालिग को समुदाय विशेष व उसके साथी द्वारा नाबालिग को भगाने के विरोध में विभिन्न संगठनों और व्यापार मंडल ने जिला मुख्यालय सहित बड़कोट और नौगांव में बाजार बंद करने के साथ ही प्रदर्शन किया था। यह पूरा मामला 21 दिन तक चलता रहा।


वहीं इस पूरे विवाद के बीच समुदाय विशेष की दुकानें भी बंद रही थी। 22 दिन तक समुदाय विशेष की दुकानें नहीं खुल पाई। पुरोला में हालात सामान्य होने के बाद शनिवार को समुदाय विशेष के व्यापारियों की आठ दुकानें खुल गई हैं। हालांकि इस दौरान एहतिहातन के तौर पर बाजार में पुलिस के जवान भी तैनात रहे।


बता दें की समुदाय विशेष की गारमेंटस सहित सैलून और घड़ी साज की दुकानें हैं। व्यापारी अशरफ, रईस और मो. सलीम ने कहा कि अब उन्हें उम्मीद है कि पुरोला में अमन, शांति और सौहार्द का वातावरण पहले की तरह बना रहेगा। उनके संबंधों में इस घटना से कोई असर नहीं पड़ा है।
बीते कुछ दिनों पहले उत्तरकाशी जिले के पुरोला में बिगड़ते माहौल के चलते वहां से दून आए मुस्लिम व्यापारी शनिवार को वापस पुरोला लौट गए।


इस संबंध में मुस्लिम युवा संगठन की ओर से धामावाला में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में डीजीपी, एसएसपी समेत अन्य पुलिस अधिकारियों ने शिरकत की। संगठन के अध्यक्ष नवाज कुरैशी ने कहा, कुछ लोग प्रदेश का माहौल खराब करने का काम कर रहे हैं।

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मुस्लिम समुदाय के लोग सभी धर्म, जातियों के लोगों के साथ मिलकर सालों से काम कर अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं। पुरोला की बिगड़ती स्थित को संभालने में पुलिस प्रशासन ने सराहनीय कार्य किया।

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