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उत्तराखंड में पहली बार विश्व आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो का आयोजन किया जा रहा है, जो आयुर्वेद चिकित्सा को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित इस चार दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय आयुष मंत्री प्रताप राव जाधव करेंगे।

अंतरराष्ट्रीय असेंबली और आयुर्वेद पर वैश्विक संवाद
कार्यक्रम के दौरान तीन दिनों तक अंतरराष्ट्रीय असेंबली का आयोजन किया जाएगा, जिसमें केंद्रीय आयुष मंत्रालय के तहत विदेशों में स्थापित आयुष चेयर के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस असेंबली का मुख्य उद्देश्य वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार की रणनीति तैयार करना है। अमेरिका, ब्रिटेन, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, श्रीलंका, इटली, स्पेन, फ्रांस, जर्मनी, स्वीडन, कनाडा, नीदरलैंड, पुर्तगाल और सिंगापुर सहित कई देशों से विशेषज्ञ और डेलीगेट्स इसमें भाग लेंगे।

6500 से अधिक डेलीगेट्स और 600 शोध पत्रों की प्रस्तुति
इस भव्य आयोजन के लिए 6500 से अधिक डेलीगेट्स ने पंजीकरण कराया है। विशेषज्ञों द्वारा 600 शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे, जो आयुर्वेदिक चिकित्सा की नवीनतम खोजों और प्रगति पर केंद्रित होंगे।

आयुर्वेदिक उत्पादों और सेवाओं की भव्य प्रदर्शनी
कार्यक्रम में 300 स्टॉल्स के माध्यम से आयुर्वेद फार्मा कंपनियां अपने उत्पादों और सेवाओं का प्रदर्शन करेंगी। साथ ही, एक्सपो में 12 आयुष क्लीनिकों की व्यवस्था की गई है, जहां आम जनता को नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण और परामर्श प्रदान किया जाएगा।

आयुर्वेद को वैश्विक पहचान दिलाने का प्रयास
12 से 14 दिसंबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य आयुर्वेद को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक मान्यता दिलाना और इसके प्रचार-प्रसार के लिए ठोस रणनीति बनाना है। यह आयोजन न केवल भारतीय आयुर्वेद के महत्व को रेखांकित करेगा, बल्कि इसे वैश्विक चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।

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