उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत राज्य के स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने की दिशा में एक सराहनीय पहल की है। वे सरकारी और राजनीतिक कार्यक्रमों में मलारी और मुनस्यारी जैसे क्षेत्रों में तैयार किए गए ट्वीड से बनी जैकेट और मफलर पहनते हुए नजर आते हैं। इस पहल का उद्देश्य न केवल राज्य की पारंपरिक कारीगरी और हस्तशिल्प को बढ़ावा देना है, बल्कि उत्तराखंड के अनूठे उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना भी है।
मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने क्रय प्रक्रियाओं में स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता दें। यह कदम राज्य के कारीगरों, उद्यमियों और पारंपरिक उत्पादकों को आर्थिक मजबूती प्रदान करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित कर उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति और परंपरा को जीवित रखा जाए। मुनस्यारी के ट्वीड जैसे उत्पाद हमारी विरासत का प्रतीक हैं, और इन्हें बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता है।”
स्थानीय उत्पादों से आत्मनिर्भरता की ओर कदम
सरकार की यह पहल राज्य में छोटे और मझोले उद्योगों को नया जीवन देने का काम करेगी। स्थानीय कारीगरों को प्रोत्साहन मिलने से उनकी आजीविका में सुधार होगा, साथ ही राज्य में आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों और कर्मचारियों से भी अपील की है कि वे स्थानीय उत्पादों और ऊन से बने वस्त्रों का अधिक से अधिक उपयोग करें।
पर्यटन और ब्रांडिंग को मिलेगा बढ़ावा
स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने से उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को भी लाभ होने की उम्मीद है। ये उत्पाद पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को देश-विदेश में प्रसिद्धि दिला सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर संभव प्रयास करेगी कि राज्य के कारीगरों और उद्यमियों को नए अवसर मिलें और उनके उत्पादों की ब्रांडिंग मजबूत हो।
स्थानीय उत्पादों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री धामी का यह प्रयास उत्तराखंड के कारीगरों और उत्पादकों को एक नई दिशा देने वाला है। यह पहल न केवल राज्य की आर्थिक स्थिति को सशक्त करेगी, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान को भी नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी।