नानकमत्ता में व्यापारी हीरा सिंह की हत्या का रहस्यमयी मामला पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस के अनुसार, हत्या को अंजाम देने वाले कोई और नहीं, बल्कि मृतक के ममेरे और फुफेरे भाई थे। नशे में धुत्त इन दोनों ने बेल्ट और हाथों से मार-मारकर हीरा सिंह की हत्या की थी। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है।
नग्न अवस्था में मिला शव, पुलिस ने की शिनाख्त
नानकमत्ता थाना क्षेत्र के ग्राम सिद्धा में एक नवंबर को बगिया के पास झाड़ियों में एक नग्न अवस्था में शव मिला था। चेहरे और शरीर पर चोट के गहरे निशान देखकर पुलिस ने हत्या का संदेह जताया। पुलिस ने शव की शिनाख्त के प्रयास किए और चार नवंबर को चंपावत निवासी केशर सिंह ने अपने बेटे हीरा सिंह के रूप में शव की पहचान की। इसके बाद पुलिस ने पिता की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।
दीपावली की रात हुआ था झगड़ा
थानाध्यक्ष देवेंद्र गौरव के अनुसार, 31 अक्टूबर की रात दीपावली के पटाखों की गूंज में मृतक हीरा सिंह अपने नशे में धुत ममेरे भाई अजय और फुफेरे भाई विजय से भिड़ गया। दोनों भाइयों ने गुस्से में आकर ईंट और बेल्ट से उसकी बेरहमी से पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी घटनास्थल के पास ही रहते थे।
पहचान छिपाने के लिए उतारे कपड़े
पुलिस के अनुसार, आरोपी इतने नशे में थे कि उन्होंने मृतक की पहचान छिपाने के लिए उसके सभी कपड़े उतार दिए और शव को नग्न अवस्था में छोड़ दिया। पुलिस को शव के पास ही कुछ दूरी पर मृतक के कपड़े बरामद हुए। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त ईंट और बेल्ट को भी जब्त कर लिया है।
चंपावत से आकर ली थी नानकमत्ता में दुकान
हीरा सिंह हाल ही में चंपावत से नानकमत्ता आया था और गुरुद्वारा रोड मार्केट में केक की दुकान खोली थी। वह अक्सर टहलते हुए बगिया के पास जाया करता था, जहां 31 अक्टूबर की रात उसकी हत्या कर दी गई।
पुलिस टीम की सतर्कता से खुला मामला
इस हत्याकांड को सुलझाने में पुलिस टीम के सदस्यों की अहम भूमिका रही। टीम में थानाध्यक्ष झनकईया अनिल जोशी, एसआई अनिल जोशी, एसआई अशोक कांडपाल, कृपाल सिंह, रजनी गोस्वामी, प्रकाश आर्य, मोहन बोरा, एसओजी प्रभारी संजय पाठक और भूपेंद्र आर्या शामिल थे।
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