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देहरादून। उत्तराखंड में 26 जनवरी से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने की संभावना है। इसके तहत प्रदेश में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों को कई कानूनी अधिकार प्रदान किए जाएंगे। महिला साथी को भरण-पोषण का अधिकार मिलेगा, वहीं इस दौरान जन्मी संतान को भी कानूनी मान्यता और अधिकार प्राप्त होंगे।

लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य

नियमावली के अनुसार, लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों को अपनी स्थिति का पंजीकरण सक्षम प्राधिकारी (रजिस्ट्रार) के समक्ष अनिवार्य रूप से कराना होगा। यह पंजीकरण लिव-इन में रहने की तिथि से एक माह के भीतर किया जाना जरूरी है।

महिलाओं और बच्चों को अधिकार सुनिश्चित

अगर पुरुष साथी महिला को छोड़ता है, तो महिला सक्षम न्यायालय में भरण-पोषण की मांग कर सकेगी। इसके अलावा, लिव-इन रिलेशनशिप के दौरान जन्मी संतान को भी उत्तराधिकार समेत सभी कानूनी अधिकार दिए जाएंगे।

उत्तराखंड बनेगा UCC लागू करने वाला पहला राज्य

स्वतंत्रता के बाद उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है। इसका उद्देश्य नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करना और कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाना है। इसमें धार्मिक और लैंगिक समानता को प्राथमिकता दी गई है।

ऑनलाइन पोर्टल की सुविधा

UCC के तहत एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार किया गया है, जिसमें 13 से अधिक विभागों की सेवाओं को जोड़ा गया है। यह पोर्टल 22 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगा, जिससे नागरिक आसानी से जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

विवाह, तलाक और वसीयत का होगा केंद्रीकृत डाटा

नियमावली के अनुसार, विवाह, तलाक, विवाह शून्यता, लिव-इन रिलेशनशिप और वसीयत आदि का पंजीकरण केंद्रीकृत रूप से किया जाएगा। इससे धोखाधड़ी और बहुविवाह जैसी समस्याओं पर रोक लगाई जा सकेगी।

सेल्फ वीडियो रिकॉर्डिंग से वसीयत की घोषणा

वसीयत के लिए एक अनूठी व्यवस्था की गई है, जिसमें व्यक्ति अपनी वसीयत की घोषणा ऑनलाइन सेल्फ वीडियो रिकॉर्डिंग के माध्यम से कर सकेगा। अगर वसीयत नहीं होती है, तो महिलाओं और बच्चों को उत्तराधिकारी माना जाएगा।

लिव-इन रिलेशनशिप समाप्ति के लिए सहमति अनिवार्य

लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण आपसी सहमति से समाप्त किया जा सकेगा। हालांकि, एक साथी द्वारा समाप्ति के लिए आवेदन करने पर दूसरे साथी की पुष्टि अनिवार्य होगी।

तत्काल सेवा और अलग-अलग शुल्क की व्यवस्था

तत्काल पंजीकरण सेवा के तहत त्वरित प्रक्रिया के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित किए गए हैं। नागरिक ucc.uk.gov.in पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।

समान अधिकार और पारदर्शिता की दिशा में कदम

समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करना और कानूनी प्रक्रियाओं को पारदर्शी और सरल बनाना है। यह कदम उत्तराखंड को एक प्रगतिशील और समतामूलक राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

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