उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण और प्रबंधन केंद्र ने अभी तक राज्य की सड़कों पर ऐसे कुछ 132 भूस्खलन हॉटस्पॉट क्षेत्र चिह्नित किए गए हैं, जिनमें वर्षाकाल के दौरान विशेष निगरानी की आवश्यकता है। राज्य में अन्य संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्रों की पहचान के लिए भी प्रयास निरंतर जारी हैं।
इन क्षेत्रों में कम समय में अधिक वर्षा होने से नुकसान अधिक होने की आशंका बनी ही रहती है।आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड की सड़कों पर आए दिन उभर रहे भूस्खलन क्षेत्र चिंता बढ़ा रहे हैं।
यह भी पढ़ें:– इसी साल होगी लागू योजना एकल महिला स्वरोजगार योजना
राष्ट्रीय राजमार्गों पर 95 है इन हॉटस्पॉट की संख्या , जबकि अन्य सड़कों पर 37 है। उत्तराखंड भूस्खलन न्यूनीकरण और प्रबंधन केंद्र की ओर से बीते दिवस मानसून की तैयारियों को लेकर सचिवालय में हुई बैठक में प्रस्तुतीकरण के माध्यम से यह जानकारी दी गई।