खटीमा: उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर उधम सिंह नगर जिले के मझोला क्षेत्र में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें रेलवे के दो कर्मचारियों की जान चली गई। यह हादसा मंगलवार सुबह तब हुआ जब दोनों कर्मचारी रेलवे ट्रैक पर पेट्रोलिंग कर रहे थे। टनकपुर से मथुरा जा रही एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 05062 की चपेट में आने से दोनों कर्मचारियों के अंग ट्रैक से दूर तक छिटक गए। हादसे के बाद घटनास्थल पर ट्रेन को भी काफी देर तक रोकना पड़ा।
कोहरे के कारण हुई भीषण घटना
यह दर्दनाक घटना मझोला रेलवे स्टेशन से आगे गेट नंबर 15 के पास सुबह 5:25 बजे हुई। हादसे की वजह घने कोहरे को बताया जा रहा है, जिसकी वजह से दोनों कर्मचारी ट्रेन को देख नहीं सके और उसकी चपेट में आ गए।
कौन थे हादसे का शिकार हुए कर्मचारी?
मृतकों में एक रेलवे विभाग का स्थायी कर्मचारी और दूसरा संविदा पर कार्यरत कर्मचारी शामिल था। मृतकों की पहचान इस प्रकार हुई:
- अमरजीत सिंह राणा (30 वर्ष), निवासी श्रीपुर बिछुआ, खटीमा।
- शिवा वाल्मीकि, निवासी दौलतपुर पट्टी, थाना बरेली, जिला पीलीभीत।
हादसे के पहले की आखिरी बातचीत
हादसे से कुछ मिनट पहले दोनों कर्मचारियों ने गेट संख्या 15 पर पहुंचकर अपनी उपस्थिति दर्ज की थी। इस दौरान अमरजीत सिंह ने गेट कर्मचारी रमन कुमार से बातचीत में बताया था कि वह अपने माता-पिता की खराब तबीयत के चलते जल्द घर जाना चाहता है। लेकिन गेट से महज 800 मीटर की दूरी पर ट्रेन की चपेट में आने से उनकी दर्दनाक मौत हो गई।
अंगों को इकट्ठा करने में लगी तीन घंटे की मशक्कत
घटना इतनी भीषण थी कि मृतकों के शरीर के अंग घटनास्थल से 50-100 मीटर की दूरी तक बिखर गए। पुलिस और रेलवे सुरक्षा बल ने लगभग तीन घंटे की मशक्कत के बाद इन अंगों को इकट्ठा किया और शवों को पोस्टमार्टम के लिए खटीमा अस्पताल भेजा।
परिजनों को दी गई सूचना
घटना की जानकारी मृतकों के परिजनों को दे दी गई है। हादसे ने न केवल रेलवे विभाग को झकझोर कर रख दिया, बल्कि यह भी सवाल उठाए हैं कि क्या ऐसे खतरनाक हालात में कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं।
जांच जारी है और हादसे के कारणों को विस्तार से समझने की कोशिश की जा रही है।