केदारनाथ धाम यात्रा 2024 में एक बड़ी आपदा के बाद आठ दिन तक रुकी रहने के बाद पुनः शुरू कर दी गई है। वर्तमान में यात्रा केवल हेली सेवा के माध्यम से कराई जा रही है। आपको बता दें कि 31 जुलाई की रात को अतिवृष्टि और भूस्खलन के कारण केदारनाथ पैदल मार्ग 13 से अधिक स्थानों पर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे यात्रा स्थगित करनी पड़ी थी।

हेली सेवा के माध्यम से यात्रा जारी

आपदा के बाद यात्रा फिर से शुरू करने के लिए सबसे पहले हेली सेवा का सहारा लिया गया है। पहले दिन 18 तीर्थयात्रियों ने हेली सेवा का उपयोग कर बाबा केदार के दर्शन किए। पैदल मार्ग को ठीक करने का कार्य भी युद्धस्तर पर जारी है, जिससे जल्द ही पैदल यात्रा को पुनः शुरू किया जा सके।

पैदल मार्ग की स्थिति और मरम्मत का कार्य

31 जुलाई की रात को हुई भारी बारिश और भूस्खलन से केदारनाथ पैदल मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। इस आपदा के कारण 15,000 से अधिक तीर्थयात्री विभिन्न पड़ावों पर फंस गए थे। प्रशासन ने यात्रा स्थगित करते हुए सभी तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था, और बचाव कार्य तेजी से किया गया था। पैदल मार्ग को सुचारू करने के लिए 400 से अधिक श्रमिक कार्यरत हैं। हालांकि, लगातार हो रही बारिश और पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों के कारण कार्य में कठिनाई हो रही है। मार्ग लिनचोली से गौरीकुंड के बीच 13 स्थानों पर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुआ है, जहां पर चट्टानों पर दीवार बनाना बहुत मुश्किल हो रहा है।*

गौरीकुंड से सोनप्रयाग के बीच की चुनौतियाँ

गौरीकुंड हाईवे पर सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच पांच किलोमीटर का दायरा 31 जुलाई से बंद है। इस क्षेत्र में खाद्यान्न और अन्य आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने में भी मुश्किलें आ रही हैं। सोनप्रयाग में ध्वस्त हाईवे को पुनः बनाने का कार्य भी कठिनाइयों का सामना कर रहा है।*

पशुओं के लिए राहत-बचाव कार्य

केदारनाथ मार्ग पर फंसे हुए घोड़े-खच्चरों की सुरक्षा के लिए पशुपालन विभाग ने पशु क्रूरता निवारण समिति और पीपल फॉर एनिमल्स उत्तराखंड के साथ मिलकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू किए हैं। अब तक एक हजार से अधिक घोड़े-खच्चरों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और तीन हजार से अधिक घोड़े-खच्चरों को चारा उपलब्ध कराया गया है।

हेली सेवा से यात्रियों का बचाव और सामग्री का प्रबंधन

धाम में फंसे 33 श्रद्धालुओं को एमआई-17 और अन्य हेलीकाप्टरों के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। इसके साथ ही, धाम में आवश्यक राशन और अन्य सामग्री भी हेली सेवा से पहुंचाई गई। पैदल मार्ग और गौरीकुंड से सोनप्रयाग के बीच केदारनाथ हाईवे के क्षतिग्रस्त हिस्से को ठीक करने का कार्य भी जारी है।

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केदारनाथ धाम यात्रा 2024 की पुनः शुरुआत हेली सेवा के माध्यम से की गई है, जबकि पैदल मार्ग को फिर से सुचारू करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है। हालांकि, मार्ग की स्थिति और लगातार हो रही बारिश के कारण श्रमिकों के लिए कार्य कठिन हो गया है। प्रशासन और स्थानीय संगठनों के संयुक्त प्रयासों से तीर्थयात्रियों और पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।

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