सिविल लाइंस कोतवाली के उपनिरीक्षक निलंबित, वरिष्ठ उपनिरीक्षक लाइन हाजिर
रुड़की में खानपुर विधायक उमेश कुमार के आवासीय कार्यालय पर हुई फायरिंग के मामले में पुलिस प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। घटना के बाद एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सिविल लाइंस कोतवाली के उपनिरीक्षक राजीव उनियाल को निलंबित कर दिया है, जबकि वरिष्ठ उपनिरीक्षक धर्मेंद्र राठी को लाइन हाजिर किया गया है। इस गंभीर मामले की जांच की जिम्मेदारी आईपीएस जितेंद्र मेहरा को सौंपी गई है।
सीसीटीवी फुटेज की गहनता से जांच जारी
गुरुवार तड़के करीब 3 बजे खानपुर विधायक के आवासीय कार्यालय पर बाइक सवार दो नकाबपोश बदमाशों ने अचानक फायरिंग कर दी, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। यह घटना एक माह के भीतर दूसरी बार हुई है, जिससे सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिस इस मामले में कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। बदमाशों की पहचान करने के लिए पुलिस आसपास के इलाकों में लगे 20 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को बारीकी से खंगाल रही है।
आईपीएस जितेंद्र मेहरा करेंगे जांच, सुरक्षा चूक की होगी समीक्षा
इस फायरिंग की घटना को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल ने मामले की जांच आईपीएस जितेंद्र मेहरा को सौंप दी है। पुलिस इस बात की भी गहराई से जांच करेगी कि विधायक के आवास की सुरक्षा में कहां और कैसे चूक हुई। यदि इसमें कोई पुलिस अधिकारी या कर्मचारी दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बदमाशों की धरपकड़ के लिए पुलिस का सर्च ऑपरेशन तेज
फायरिंग के तुरंत बाद पुलिस ने विधायक के निजी सचिव की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर लिया था। एसएसपी डोबाल ने स्पष्ट किया है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। पुलिस की कई टीमें संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं। साथ ही तकनीकी और खुफिया इनपुट का भी सहारा लिया जा रहा है, ताकि बदमाशों को जल्द से जल्द सलाखों के पीछे भेजा जा सके।
सुरक्षा बढ़ाने के आदेश, निगरानी और कड़ी होगी
इस घटना के बाद विधायक की सुरक्षा को लेकर प्रशासन अधिक सतर्क हो गया है। पुलिस ने निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं और विधायक के आवास सहित अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा रहा है। इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए पुलिस हरसंभव प्रयास कर रही है।
निष्कर्ष: खानपुर विधायक के आवास पर हुई फायरिंग से कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हुए हैं। पुलिस प्रशासन ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई की है, लेकिन असली परीक्षा तब होगी जब दोषियों को गिरफ्तार कर न्याय दिलाया जाएगा। अब देखना यह होगा कि पुलिस अपनी रणनीति में कितनी जल्दी सफल होती है और इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाने में कितनी सक्षम साबित होती है।