उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और तीर्थ नगरी कहे जाने वाले ऋषिकेश में वायु प्रदूषण का स्तर सामान्य से कहीं अधिक हो गया है। अब वायु की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए जिलाधिकारी सोनिका के आदेश पर नियमों का पालन ना करने वाले वाहनों पर शिकंजा कसा जाएगा।
आपको बता दें कि जिलाधिकारी ने वायु प्रदूषण के मानकों पर खरे ना उतरने वाले पुराने वाहनों को चलन से बाहर करने के भी निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने संभागीय परिवहन अधिकारी को योजनाबद्ध तरीके से इस कार्य को समाप्त करने के लिए कहा है।
वायु गुणवत्ता की दैनिक रिपोर्ट भेजी जाए
जिलाधिकारी सोनिका ने उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिए हैं कि वायु गुणवत्ता की दैनिक रिपोर्ट जिला आपदा कंट्रोल रूम में भेजी जाए।हर तीन महीने में बैठक आयोजित कर वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए काम किया जाए।
1)बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार की जाए।
2)नगर निगम देहरादून, ऋषिकेश व संबंधित विभागों को प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्राप्त बजट का उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने को कहा।
3)ऐसी औद्योगिक इकाइयों व प्रतिष्ठानों को चिह्नित करने के निर्देश भी दिए, जिनके आसपास प्रदूषण अधिक पाया जा रहा है।
देहरादून और ऋषिकेश में दोगुनी है पार्टिकुलेट मैटर की मात्रा
हवा में पार्टिकुलेट मैटर -10 व 2.5 की मात्रा 24 घंटे में क्रमशः 100 व 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए।
देहरादून व ऋषिकेश में पार्टिकुलेट मैटर की मात्रा दोगुने के करीब पहुंच रही है।
विभिन्न प्रदूषण कणों वाला एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) बेहतर स्थित के अनुरूप 50 तक होना चाहिए।
इस इंडेक्स में देहरादून व ऋषिकेश की हवा की गुणवत्ता माध्यम प्रदूषित से लेकर खराब स्थिति में है।
वायु गुणवत्ता की स्थिति
स्थल, पीएम-10, पीएम-2.5, एक्यूआइ
घंटाघर- 180, डेटा नहीं, 152
रायपुर रोड-168, 95, 208
आइएसबीटी-173, 95, 225
ऋषिकेश-194, 89, 200