गरीब एवं अनाथ बालिकाओं को स्नातक तक शिक्षित कर कौशल विकास से जोड़ा जाएगा
देहरादून, 4 फरवरी 2025: जिलाधिकारी सविन बंसल ने एक सराहनीय पहल करते हुए गरीब, अनाथ और असहाय बालिकाओं की शिक्षा एवं कौशल विकास की जिम्मेदारी उठाने का निर्णय लिया है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के तहत इन बालिकाओं को न्यूनतम स्नातक स्तर तक शिक्षित करने और उन्हें रोजगार से जोड़ने की योजना बनाई गई है।
इस संदर्भ में जिला टास्क फोर्स की बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में निर्णय लिया गया कि इन बालिकाओं को आर्थिक सहायता, कौशल शिक्षा और रोजगार से जोड़ने के लिए एक प्रभावी कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
बालिकाओं के चयन की प्रक्रिया
जिलाधिकारी ने निर्देश दिया कि जनता दरबार, बहुउद्देशीय शिविरों, सरकारी कार्यालयों, जिला प्रोबेशन अधिकारी एवं समाज कल्याण विभाग के माध्यम से बालिकाओं की पहचान की जाएगी। इसके अलावा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से जिले में सर्वे कर जरूरतमंद बालिकाओं की सूची तैयार की जाएगी।
चयनित बालिकाओं के प्रार्थना पत्रों का सत्यापन बाल विकास परियोजना अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। सत्यापन के बाद बालिकाओं के आवश्यक दस्तावेज प्राप्त कर अंतिम सूची जिला कार्यक्रम अधिकारी कार्यालय को भेजी जाएगी।
आर्थिक सहायता एवं शिक्षा में सहयोग
अधिकारी समिति द्वारा चयनित बालिकाओं की सूची जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति को अनुमोदन के लिए भेजी जाएगी। इसके बाद, आर्थिक सहायता सीधे संबंधित विद्यालय/संस्थान के बैंक खाते में ऑनलाइन माध्यम से अंतरित की जाएगी।
इसके अतिरिक्त, पुस्तकें, ड्रेस और अन्य आवश्यक वस्तुओं के लिए धनराशि सीधे बालिकाओं के बैंक खाते में भेजी जाएगी। बालिकाओं के स्कूल में पुनः प्रवेश की निगरानी संबंधित क्षेत्र की सुपरवाइजर द्वारा की जाएगी, जो इसकी पुष्टि कर बाल विकास परियोजना अधिकारी को रिपोर्ट सौंपेंगी।
नियमित निगरानी और सत्यापन
जिला प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि बालिकाएं नियमित रूप से स्कूल जा रही हैं और उनकी पढ़ाई सुचारू रूप से जारी है। इसके लिए बाल विकास परियोजना अधिकारी द्वारा त्रैमासिक सत्यापन किया जाएगा और रिपोर्ट जिला कार्यक्रम अधिकारी को भेजी जाएगी।
इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के बजट एवं सीएसआर (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) फंड का उपयोग किया जाएगा।
जिलाधिकारी का संकल्प: हर बालिका को मिलेगी शिक्षा और स्वावलंबन का अवसर
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य गरीब और असहाय बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। शिक्षा के साथ-साथ इन्हें कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे भविष्य में स्वरोजगार या नौकरी के अवसर प्राप्त कर सकें।
उन्होंने कहा कि यह योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी और जरूरतमंद बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाएगी।
इस पहल से जनपद की सैकड़ों अनाथ और असहाय बालिकाओं को एक नया जीवन मिलेगा, जहां वे न केवल शिक्षित होंगी, बल्कि अपने पैरों पर खड़े होकर आत्मनिर्भर भी बनेंगी।
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(कार्यालय जिला सूचना अधिकारी, देहरादून)
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