केरल में निपाह वायरस के प्रकोप के बाद उत्तराखंड में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी के लक्षण और बचाव के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान शुरू कर दिया है।
निपाह वायरस क्या है?
निपाह वायरस एक जानलेवा वायरस है जो चमगादड़ से फैलता है। यह वायरस सुअरों को भी संक्रमित कर सकता है और फिर मनुष्यों में फैल सकता है। निपाह वायरस से संक्रमित होने पर लोगों को बुखार, सिरदर्द, उल्टी, सांस लेने में तकलीफ और कोमा जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इस वायरस से संक्रमित होने की मृत्यु दर 60% से अधिक है।
निपाह वायरस के लक्षण
निपाह वायरस से संक्रमित होने के लक्षण आमतौर पर संक्रमित होने के 4 से 14 दिनों के भीतर दिखाई देते हैं। इन लक्षणों में शामिल हैं:
- बुखार
- सिरदर्द
- उल्टी
- सांस लेने में तकलीफ
- कोमा
निपाह वायरस से बचाव
निपाह वायरस से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
- चमगादड़ों के संपर्क में आने से बचें।
- सुअरों के संपर्क में आने से बचें।
- चमगादड़ों द्वारा दूषित खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों का सेवन न करें।
- चमगादड़ों द्वारा दूषित सतहों को छूने से बचें।
उत्तराखंड में निपाह वायरस से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे उपाय
उत्तराखंड में निपाह वायरस से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निम्नलिखित उपाय किए जा रहे हैं:
- चमगादड़ों के प्रवास और आवास के स्थानों की पहचान और निगरानी की जा रही है।
- चमगादड़ों के संपर्क में आने वाले लोगों की पहचान और निगरानी की जा रही है।
- निपाह वायरस की जांच के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को तैयार किया जा रहा है।
- लोगों को निपाह वायरस के लक्षण और बचाव के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
लोगों को भी निपाह वायरस के प्रति जागरूक रहने की जरूरत है। इस बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।