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उत्तराखंड सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड के अपने संकल्प को दोहराते हुए, राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों पर तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में, बीते 48 घंटों में विजिलेंस ने चमोली और पौड़ी जिलों में दो अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचारियों द्वारा आम जनता को परेशान करने वाले किसी भी कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार ने राज्य में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए विजिलेंस विभाग को अधिक सशक्त बना दिया है, जिससे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ निरंतर कार्रवाई जारी है।इस दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री ने राज्य में ‘भ्रष्टाचार मुक्त एप 1064’ की शुरुआत की है, जिससे नागरिक भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतें आसानी से दर्ज करा सकते हैं। इस एप के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सभी सरकारी दफ्तरों में पोस्टर भी लगाए गए हैं। अब तक इस एप के माध्यम से 980 से अधिक शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं, जिनमें विजिलेंस और नॉन-विजिलेंस दोनों प्रकार की शिकायतें शामिल हैं। विजिलेंस द्वारा इन शिकायतों पर गंभीरता से कार्रवाई करते हुए, नौ महीनों में 30 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों को जेल भेजा गया है। हालिया गिरफ्तारियों के बाद यह संख्या 32 तक पहुंच चुकी है। पिछले 23 वर्षों में उत्तराखंड में भ्रष्टाचार से संबंधित कुल 281 ट्रैप ऑपरेशनों में 303 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। पिछले तीन वर्षों में विजिलेंस ने 70 भ्रष्ट अधिकारियों को जेल भेजा है, जो सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त नीति का प्रमाण है। सरकार की इस सख्त कार्रवाई से राज्य में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं, और यह संदेश स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है।

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