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उत्तराखंड सरकार ने मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत सोलर परियोजनाओं में निवेश करने वाले उद्यमियों को बड़ी राहत दी है। अब सोलर परियोजना लगाने वाले निवेशकों को जीएसटी पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं होगी। यह फैसला सरकार ने निवेशकों की मांगों को ध्यान में रखते हुए लिया है।

प्रवासी सम्मेलन में की गई घोषणा
रविवार को आयोजित प्रवासी सम्मेलन के दौरान उद्योग महानिदेशक और सिडकुल के एमडी प्रतीक जैन ने इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर आयोजित पैनल चर्चा के दौरान बताया कि निवेशकों ने इस संदर्भ में सुझाव दिए थे, जिसके आधार पर सरकार ने यह निर्णय लिया है।

सोलर परियोजनाओं में तेजी की उम्मीद
मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत राज्य में पहले से ही बड़ी संख्या में सोलर प्लांट स्थापित किए जा चुके हैं। इसके अलावा, हजारों परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं। हालांकि, जीएसटी पंजीकरण की अनिवार्यता के कारण कई निवेशकों की सब्सिडी अटकी हुई थी। अब जीएसटी पंजीकरण से छूट मिलने के बाद इन परियोजनाओं में तेजी आने की उम्मीद है।

सौर ऊर्जा पर जीएसटी छूट का लाभ
सौर ऊर्जा पर पहले से ही जीएसटी में छूट है, लेकिन पंजीकरण की बाध्यता के कारण निवेशकों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। अब इस नई नीति के तहत निवेशकों को न केवल पंजीकरण की अनिवार्यता से राहत मिलेगी, बल्कि सौर ऊर्जा क्षेत्र में निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

यह कदम राज्य में हरित ऊर्जा के विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है।

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