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श्रीनगर नगर निगम के महापौर पद के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार आरती भंडारी को मंगलवार रात आपत्ति नोटिस मिलने से हलचल मच गई थी। नोटिस में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 का हवाला देते हुए कहा गया था कि आरती भंडारी का नाम दो अलग-अलग स्थानों की मतदाता सूची में दर्ज है, जो नियमों के विरुद्ध है। हालांकि, नामांकन पत्रों की जांच के दूसरे दिन निर्वाचन अधिकारी ने इस आपत्ति को खारिज करते हुए आरती भंडारी का नामांकन वैध घोषित कर दिया।

भाजपा पर साजिश रचने का आरोप
आरती भंडारी और हिंदू नेता लखपत भंडारी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि हार के डर से यह षड्यंत्र रचा गया है। उन्होंने भाजपा के फैसलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि पार्टी ने वर्षों से मेहनत कर रहे वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर बाहरी उम्मीदवार को टिकट दिया है, जो अनुचित है। आरती भंडारी ने कहा कि वह वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं के सम्मान के लिए निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं।

लखपत भंडारी ने दावा किया कि भाजपा के इस फैसले से पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं में भी असंतोष है। उन्होंने विश्वास जताया कि जनता ऐसे उम्मीदवार का समर्थन करेगी, जो जमीनी स्तर पर उनके साथ जुड़ा रहा हो।

पांच उम्मीदवार मैदान में, चुनाव चिह्न आवंटन 3 जनवरी को
श्रीनगर नगर निगम के महापौर पद के लिए कुल पांच नामांकन पत्र दाखिल किए गए थे। रिटर्निंग अधिकारी और उपजिलाधिकारी नूपुर वर्मा ने बताया कि सभी पांचों नामांकन पत्र सही पाए गए हैं। अब 3 जनवरी को इन प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे।

पार्षद पद के लिए 152 नामांकन, एक खारिज
नगर निगम के 40 वार्डों के लिए 152 उम्मीदवारों ने पार्षद पद के लिए नामांकन किया था। सहायक रिटर्निंग अधिकारी जितेंद्र डिमरी ने जानकारी दी कि इनमें से 151 नामांकन पत्रों की जांच पूरी हो चुकी है, जबकि एक नामांकन पत्र की जांच अभी जारी है। जांच के दौरान 38 नंबर वार्ड के एक उम्मीदवार का नामांकन पत्र खारिज कर दिया गया।

2 जनवरी को नामांकन वापसी की अंतिम तिथि है, जिसके बाद 3 जनवरी को सभी प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे।

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