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देहरादून: उत्तराखंड के एक लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों को इस दीपावली से पहले बोनस और महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी की सौगात मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कर्मचारियों की मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। इस संबंध में वित्त विभाग ने पत्रावली को उच्चस्तरीय स्वीकृति के लिए आगे बढ़ा दिया है। अनुमान है कि 25 अक्टूबर को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जा सकता है।

राज्य कर्मचारी परिषद ने की महंगाई भत्ता बढ़ाने और बोनस देने की मांग

18 अक्टूबर को राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडे के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से भेंट की थी। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा महंगाई भत्ते (DA) में तीन प्रतिशत वृद्धि का हवाला देते हुए, उत्तराखंड के कर्मचारियों के लिए भी महंगाई भत्ते में इसी अनुपात से बढ़ोतरी की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने यह भी अनुरोध किया कि ग्रुप-बी और ग्रुप-सी के अराजपत्रित कर्मचारियों को दीपावली बोनस दिया जाए और अक्टूबर का वेतन समय से जारी हो।

वित्त विभाग ने प्रक्रिया की शुरुआत की, जल्द होगी घोषणा

मुख्यमंत्री धामी ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इसी के तहत वित्त विभाग ने पत्रावली को कैबिनेट के अनुमोदन के लिए भेज दिया है। वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है। बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इस पर औपचारिक निर्णय लिया जा सकता है, जिससे कर्मचारियों को दीपावली से पहले राहत मिल सके।

प्रोजेक्ट यूपीएससी’: राज्यपाल ने युवाओं के सपनों को उड़ान देने की पहल की

देहरादून: उत्तराखंड के युवाओं को सिविल सेवा की तैयारी में सहयोग देने के उद्देश्य से राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह ने सोमवार को ‘प्रोजेक्ट यूपीएससी’ का शुभारंभ किया। यह प्रोजेक्ट पावन चिंतन धारा आश्रम द्वारा संचालित किया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि विशेष रूप से बालिकाओं की प्रतिभा को उभारने के लिए इस प्रोजेक्ट में प्राथमिकता दी जाएगी, ताकि वे प्रशासनिक सेवाओं में अपनी पहचान बना सकें। राज्यपाल ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि अनुशासन, आत्मविश्वास और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कई प्रतिभाशाली बच्चे संसाधनों की कमी के कारण अपने सपनों को साकार नहीं कर पाते। यह प्रोजेक्ट ऐसे ही बच्चों को उचित मार्गदर्शन देकर उनके भविष्य को उज्जवल बनाने में मददगार साबित होगा। राज्यपाल ने कहा, “उत्तराखंड के युवाओं में अपार संभावनाएं हैं। इस पहल से उन्हें सिविल सेवाओं की दिशा में प्रेरणा और संसाधन मिलेंगे, जिससे वे इस क्षेत्र में भी राज्य का नाम रोशन कर सकेंगे।”

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