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उत्तराखंड राज्य में लंबे समय से चले आ रहे राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के संघर्ष को सम्मान देने के उद्देश्य से, राज्य सरकार ने उन्हें सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण प्रदान करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस संदर्भ में, 7 फरवरी 2024 को विधानसभा में पारित किए गए विधेयक को अब राजभवन से मंजूरी प्राप्त हो गई है।राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार कभी भी राज्य आंदोलनकारियों के बलिदान और संघर्ष को नहीं भूल सकती।

सरकार का यह निर्णय राज्य आंदोलनकारियों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक है, जो उत्तराखंड राज्य के गठन के लिए संघर्षरत रहे हैं।गौरतलब है कि इस विधेयक को इसी वर्ष फरवरी में प्रवर समिति की सिफारिशों को शामिल करते हुए कुछ संशोधनों के साथ राजभवन भेजा गया था। इसके बाद, विधेयक को राजभवन द्वारा मंजूरी मिलने से राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए सरकारी नौकरियों में क्षैतिज आरक्षण का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इस निर्णय से प्रदेश के 11,000 से अधिक आंदोलनकारी और उनके आश्रितों को लाभ मिलने की संभावना है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों को यह आश्वासन दिया गया था कि उन्हें सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ प्रदान किया जाएगा। सरकार आंदोलनकारियों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए सदैव समर्पित है, और इस विधेयक की मंजूरी से उनकी प्रतिबद्धता और स्पष्ट हो गई है।यह ध्यान देने योग्य है कि मार्च 2018 में हाईकोर्ट ने राज्य आंदोलनकारियों के लिए सरकारी सेवा में क्षैतिज आरक्षण को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। इसके बाद से राज्य आंदोलनकारियों को इस लाभ से वंचित रहना पड़ा था।

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लेकिन अब, इस नए विधेयक के माध्यम से उन्हें फिर से यह लाभ प्राप्त होगा, जिससे उनके चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई है।

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