राज्य में मजबूत भू-कानून शीघ्र प्रभावी होगा
उत्तराखंड सरकार ने भू-कानून को और अधिक सख्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। विधानसभा सत्र के तीसरे दिन सरकार ने उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950 (अनुकूलन एवं उपांतरण आदेश 2001) में संशोधन विधेयक सदन में प्रस्तुत किया। इस विधेयक के तहत राज्य में भूमि खरीद से संबंधित कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं।

कृषि और बागवानी के लिए बाहरी व्यक्तियों पर रोक
संशोधित विधेयक के अनुसार, हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर को छोड़कर उत्तराखंड के शेष 11 जिलों में कृषि एवं बागवानी के लिए राज्य के बाहर के व्यक्तियों को भूमि खरीदने की अनुमति नहीं होगी। इसके अलावा, इन जिलों में खरीदी गई भूमि का उपयोग केवल निर्धारित उद्देश्यों के लिए किया जा सकेगा, अन्यथा भूमि सरकार के अधीन आ जाएगी।

आवासीय भूमि खरीद के लिए नई शर्तें
बाहरी व्यक्ति अब केवल 250 वर्गमीटर तक की भूमि ही आवासीय उपयोग के लिए खरीद सकेंगे। परिवार के अन्य सदस्यों को अतिरिक्त भूमि खरीदने की अनुमति नहीं दी जाएगी। भूमि खरीदने वाले को यह सुनिश्चित करने के लिए शपथ पत्र देना होगा कि वह भूमि का उपयोग केवल निर्धारित प्रयोजन के लिए करेगा।

भूमि खरीद की अनुमति अब शासन स्तर पर
संशोधित कानून के तहत भूमि खरीद की अनुमति अब जिलाधिकारी नहीं देंगे, बल्कि यह अनुमति शासन स्तर से दी जाएगी। इससे भूमि खरीद प्रक्रिया की अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित होगी और अनियमितताओं पर लगाम लगाई जा सकेगी।

12.5 एकड़ भूमि खरीद की सीमा समाप्त
नए कानून में विभिन्न उद्देश्यों के लिए 12.5 एकड़ भूमि खरीद की सीमा को समाप्त कर दिया गया है। अब बाहरी व्यक्ति निवेश के लिए आवश्यक भूमि खरीद सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें शासन से अनुमति लेनी होगी। खरीदी गई भूमि का उपयोग केवल निर्धारित उद्देश्य के लिए किया जा सकेगा, अन्यथा भूमि सरकार के अधीन हो जाएगी।

भूमि खरीद प्रक्रिया की होगी सख्त निगरानी
सरकार एक पोर्टल बनाकर भूमि खरीद प्रक्रिया की सख्ती से निगरानी करेगी। सभी जिलाधिकारी राजस्व परिषद और शासन को नियमित रूप से भूमि खरीद से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। नगर निकाय सीमा के अंतर्गत भूमि का उपयोग केवल निर्धारित भू-उपयोग के अनुसार ही किया जा सकेगा।

नियमों का उल्लंघन करने पर भूमि होगी सरकार के अधीन
यदि कोई व्यक्ति नियमों का उल्लंघन कर भूमि का गलत उपयोग करता है, तो वह भूमि सरकार में निहित हो जाएगी। कृषि और बागवानी भूमि खरीद के संबंध में हिमाचल प्रदेश से भी अधिक सख्त व्यवस्था लागू की गई है।

परिवार के अन्य सदस्यों को भूमि खरीद की अनुमति नहीं
अब किसी परिवार का कोई अन्य सदस्य अलग से भूमि खरीद नहीं सकेगा। यह व्यवस्था भूमि अधिग्रहण पर नियंत्रण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लागू की गई है। नए भू-कानून के तहत उत्तराखंड में अवैध भूमि खरीद और उपयोग को नियंत्रित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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