उत्तराखंड में बर्फबारी के येलो अलर्ट के बीच मौसम बिगड़ा और बदरी-केदार, हेमकुंड साहिब समेत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी हुई। जबकि निचले क्षेत्रों में बारिश हुई। मौसम में आए बदलाव से फिर ठंड लौट आई है। वहीं केदारनाथ में रुक-रुककर बर्फबारी होने से यहां चार इंच नई बर्फ जम गई है।
आपको बता दें की जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिशासी अभियंता प्रवीण कर्णपवाल ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर रामबाड़ा से केदारनाथ तक बर्फ हटाने का काम पूरा हो चुका है। अब, केदारपुरी में बर्फ हटाई जानी है। लेकिन यहां फिर बर्फबारी शुरू हो गई है। मौसम ने साथ दिया तो इस माह के आखिर तक सभी जरूरी कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। साथ ही अप्रैल पहले सप्ताह से पुनर्निर्माण कार्य भी शुरू कर दिए जाएंगे।
हालांकि केदारनाथ में बर्फबारी से कोई नुकसान नहीं हुआ है। यहां सभी कॉटेज व पुनर्निर्माण कार्य पूरी तरह से सुरक्षित हैं। श्रीबदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के सीईओ समेत तीन सदस्यीय दल दो दिन से धाम में मौजूद है। खराब मौसम के चलते दल परिसंपत्तियों का निरीक्षण पूरा नहीं कर पाया है।
दरअसल,केदारनाथ में मौजूद बीकेटीसी के सीईओ योगेंद्र सिंह ने बताया कि मंदिर परिसर, मंदिर मार्ग से लेकर अन्य स्थानों पर सभी संपत्तियों को कोई क्षति नहीं हुई है। प्रवचन हॉल, इग्लो हट्स क्षेत्र में करीब दो फीट बर्फ जमी है। आगामी यात्रा के लिए केदारनाथ में यात्री सुविधाओं को लेकर जो कार्य होने हैं, उसके लिए स्थान चिह्नित किए गए हैं।
बताया कि कपाट खुलने के दिन से ही धाम में जगह-जगह पर साइनेज और डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाने के लिए लिए स्थान तय किए जा रहे हैं। केदारपुरी में आंतरिक पैदल मार्गों को भी यात्रा से पहले दुरूस्त कर दिया ज़ाए़़गा।
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केदारनाथ में एमआई-26 हेलीपैड के समीप निर्मित कॉटेज भी पूरी तरह से सुरक्षित हैं। बता दें कि जून 2013 की आपदा के बाद धाम में अतिथियों, अधिकारी-कर्मचारियों के निवास के लिए कॉटेज बनाए गए थे। यहां वन-बीएचके और टू-वीएचके के 20 से अधिक कॉटेज बनाए गए हैं।