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कांवड़ यात्रा के दौरान स्वास्थ्य विभाग की भी अहम भूमिका होती है। जगह-जगह लगने वाले शिविरों में विभाग की ओर से दवा और डॉक्टर व अन्य स्टाफ उपलब्ध कराए जाते हैं।

साथ ही 108 आपातकालीन एंबुलेंस पर भी बोझ बढ़ जाता है। कांवड़ यात्रा को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एंबुलेंस की बारीकी से जांच की। साथ ही एंबुलेंस चालकों को कांवड़ यात्रा के दौरान किसी हादसे की सूचना मिलने पर तुरंत पहुंचने के निर्देश दिए।कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से शुरू होने जा रही है। इसे लेकर पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग समेत अन्य विभाग तैयारियों में जुट गए हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान स्वास्थ्य विभाग की भी अहम भूमिका होती है। जगह-जगह लगने वाले शिविरों में विभाग की ओर से दवा और डॉक्टर व अन्य स्टाफ उपलब्ध कराए जाते हैं। साथ ही 108 आपातकालीन एंबुलेंस पर भी बोझ बढ़ जाता है।कांवड़ यात्रा को लेकर मंगलवार को 108 आपातकालीन सेवा के जिला प्रभारी जितेंद्र सिंह व मास्टर ट्रेनर शुभम चौहान की ओर से नारसन से लेकर हरिद्वार पांच एंबुलेंस की जांच की। इस दौरान एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलिंडर समेत प्राथमिक उपचार के सभी उपकरण और दवा की जांच की।

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जिला प्रभारी जितेंद्र सिंह ने बताया कि कांवड़ यात्रा को देखते हुए एंबुलेंसों की जांच की गई है।स्वास्थ्य महानिदेशालय को दवा की भेजी गई है डिमांड ।कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी तरह की दवा की कमी न हो इसे लेकर भी रुड़की सिविल अस्पताल की ओर से पूरी तैयारी की जा रही है। सीएमएस डॉ. संजय कंसल ने बताया कि जो दवा नहीं हैं या जिनकी मात्रा कम है। उनकी डिमांड के लिए स्वास्थ्य निदेशालय को डिमांड भेजी गई है।

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