ऋषिकेश से सटे तपोवन में एक 10 बीघा भूमि को अवैध तरीके से बेचने का मामला सामने आया है। तपोवन में वर्ष 2003 तक 10 बीघा भूमि कृषि की थी। जो कई खातेदारों के नाम पर दर्ज थी। लेकिन साल 2008 में आठ खातों में दर्ज भूमि को एससी मधुकर नाम के व्यक्ति ने खरीद लिया। अब इस भूमि को बेचने के नाम पर भारी विवाद हो गया है।
ऋषिकेश से सटे तपोवन में एक 10 बीघा भूमि को अवैध तरीके से बेचने का मामला सामने आया है। एक पीड़ित ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर मामले में निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की है।
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तपोवन में वर्ष 2003 तक 10 बीघा भूमि कृषि की थी। जो कई खातेदारों के नाम पर दर्ज थी। लेकिन, साल 2008 में आठ खातों में दर्ज भूमि को एससी मधुकर नाम के व्यक्ति ने खरीद लिया। 2008 में ही एससी मधुकर ने शिरीन टूरिज्म वेंचर के नाम से एक फर्म रजिस्टर करवाई और 10 बीघा भूमि निहित कर फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर अभिनेत्री मुमताज को बेच दी। अब यह जमीन विवादों में घिरी है।
कई लोग जमीन खरीदने के लिए मोटी रकम दे चुके हैं। लेकिन उनको जमीन पर ना तो कब्जा मिल रहा है ना ही जमीन के रजिस्ट्री उनके नाम पर हो रही है। खुद के साथ धोखाधड़ी का एहसास होने पर पीड़ित परविंदर चौधरी ने जिलाधिकारी टिहरी को पत्र लिखकर मामले में निष्पक्ष जांच और कार्रवाई की मांग की है।पीड़ित परविंदर चौधरी ने बताया कि पहले तो 10 बीघा जमीन बाहरी व्यक्ति को नियम विरुद्ध बेची गई। जिसमें शासकीय अधिकारियों की मिलीभगत संभव है। लाखों रुपये के स्टांप ड्यूटी की भी चोरी होने की जानकारी मिली है। अब भू उपयोग चेंज किए बिना जमीन पर अवैध प्लाटिंग की तैयारी की जा रही है।
परविंदर चौधरी ने बताया कि सरीन एडवेंचर्स को भूमि विक्रय का अधिकार नहीं है। क्योंकि इनके द्वारा कोई भी क्रय अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया गया है और ना ही उनके पास कोई क्रय विलेख रजिस्ट्री मौजूद है। जबकि इन्होंने कई लोगों के नाम पर अलग-अलग फर्जी तरीके से रजिस्ट्री कर दी है। इसलिए इस मामले में उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच के बेहद जरूरत है। जिससे पीड़ितों को न्याय मिल सके और उनकी धोखाधड़ी से ली गई रकम भी वापस मिल सके।
वर्ष 2004 में उत्तराखंड में बाहरी व्यक्तियों के भूमि खरीद फरोख्त पर पाबंदी लगाते हुए सिर्फ 250 वर्ग मीटर भूमि खरीदने का विधेयक पारित किया गया था लेकिन फर्जी तरीके से सरीन एडवेंचर के नाम 10 बीघा भूमि दर्ज हो जाती है, ऐसे में कहीं न कहीं अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के दायरे में है।