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गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर उत्तराखंड की झांकी ने अपनी सांस्कृतिक विरासत और साहसिक खेलों का अद्भुत प्रदर्शन किया। झांकी में उत्तराखंड की पारंपरिक ऐपण कला और साहसिक पर्यटन को बेहद आकर्षक तरीके से प्रस्तुत किया गया। कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

झांकी के एक भाग में उत्तराखंड की प्रसिद्ध ऐपण कला को दर्शाया गया, जिसमें पारंपरिक परिधान पहने एक महिला को ऐपण बनाते हुए दिखाया गया। ऐपण कला, जो अब विश्वभर में प्रसिद्ध है, उत्तराखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को प्रतिबिंबित करती है। यह कला पूजा स्थलों, घरों के प्रवेशद्वारों, फर्श और दीवारों पर चावल के आटे और गेरू का उपयोग करके बनाई जाती है। यह कला न केवल सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि उत्तराखंड की परंपराओं और विश्वासों का जीवंत उदाहरण भी है।

झांकी के अगले हिस्से में उत्तराखंड के साहसिक खेलों और पर्यटन स्थलों को दर्शाया गया। इसमें नैनीताल और मसूरी में हिल साइकिलिंग, फूलों की घाटी और केदारकांठा की ट्रेकिंग, ओली में स्नो स्कीइंग, ऋषिकेश में योग, बंजी जंपिंग, जिप-लाइनिंग और रॉक क्लाइंबिंग जैसी रोमांचकारी गतिविधियों को प्रस्तुत किया गया। इन साहसिक खेलों के माध्यम से उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता और साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाओं को उजागर किया गया।

उत्तराखंड की यह झांकी न केवल राज्य की सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को प्रस्तुत करती है, बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों को राज्य की ओर आकर्षित करने का संदेश भी देती है।

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