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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को काठगोदाम स्थित सर्किट हाउस में प्रिंट मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि केदारनाथ क्षेत्र में आपदा के कारण क्षतिग्रस्त सड़क और पुलों का पुनर्निर्माण जल्द ही केंद्र सरकार की मदद से शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब तक 12,000 से अधिक तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है और मौसम अनुकूल रहा तो अगले एक-दो दिनों में अन्य फंसे हुए तीर्थयात्रियों को भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा।मुख्यमंत्री ने बताया कि केदारनाथ में बारिश और अतिवृष्टि के कारण नौ-दस स्थानों पर सड़कें और पुल टूट गए हैं, जिसमें एक स्थान पर 150 मीटर सड़क बह गई है। इस संदर्भ में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से बातचीत की है। केंद्र सरकार की मदद से जल्द ही क्षतिग्रस्त सड़क और पुलों को ठीक कराने की योजना है। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव कार्यों के लिए दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर और चिनूक विमान उपलब्ध कराए गए हैं, इसके अलावा राज्य सरकार के भी छह हेलीकॉप्टर राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।धामी ने बताया कि सरकार का प्रयास है कि जल्द से जल्द सड़क, संपर्क मार्ग, पेयजल, बिजली और संचार सेवाओं को बहाल किया जाए। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर आपदा की घटनाओं में 15 लोगों की जान गई है और सरकार प्रभावित परिवारों की हर संभव मदद करेगी।मंत्रीमंडल में चार मंत्री कम होने और मंत्रीमंडल विस्तार के सवाल पर धामी ने बताया कि इस मुद्दे पर बातचीत चल रही है। कांग्रेस की ओर से सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए धामी ने कहा कि उत्तराखंड की देवभूमि का अपना विशेष स्वरूप है और यहां धर्म-कर्म को मानते हुए कार्य किए जा रहे हैं।

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स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति पर उन्होंने कहा कि सरकार इस दिशा में सुधार करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने हल्द्वानी के लंबित प्रोजेक्टों पर भी जानकारी दी, जैसे कि जमरानी बांध परियोजना, कैंची बाईपास, और कैंसर इंस्टीट्यूट, जिन्हें केंद्र सरकार से मंजूरी मिल चुकी है। वार्ता के दौरान दर्जा राज्य मंत्री डॉ. अनिल डब्बू और ध्रुव रौतेला भी मौजूद थे।

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