ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन को मिलेगी गति, 11 रेलवे स्टेशन होंगे विकसित

रेल बजट 2025 में उत्तराखंड को ₹4641 करोड़ की ऐतिहासिक राशि आवंटित की गई है, जो पड़ोसी राज्यों हिमाचल, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की तुलना में कहीं अधिक है। इस बजट से राज्य की 125 किलोमीटर लंबी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण कार्य को तेज करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही 11 प्रमुख रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशन के रूप में विकसित करने के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध कराई गई है।

चारधाम यात्रा और सामरिक दृष्टि से अहम ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट

चारधाम यात्रा और सामरिक महत्व को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना को प्राथमिकता दे रही है। 24,659 करोड़ रुपये की लागत वाली यह मेगा परियोजना 2026 तक पूरी होने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिसमें अब तक 49% से अधिक कार्य पूरा हो चुका है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों तक रेलवे की सुविधा पहुंचेगी, जिससे पर्यटन और तीर्थयात्रा को भी बढ़ावा मिलेगा।

रेलवे सुरक्षा के लिए कवच प्रणाली की होगी शुरुआत

रेलवे सुरक्षा को और अधिक मजबूत करने के लिए उत्तराखंड में 49 रूट किलोमीटर पर कवच प्रणाली को लागू किया जाएगा। यह प्रणाली रेल दुर्घटनाओं को रोकने और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

11 रेलवे स्टेशन बनेंगे ‘अमृत स्टेशन’

रेलवे के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए उत्तराखंड के 11 रेलवे स्टेशनों को अमृत स्टेशन परियोजना के तहत विकसित किया जाएगा। इन स्टेशनों के आधुनिकीकरण के लिए ₹147 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। इस परियोजना में शामिल प्रमुख स्टेशन निम्नलिखित हैं:

  1. देहरादून
  2. हरिद्वार जंक्शन
  3. हर्रावाला
  4. काशीपुर जंक्शन
  5. काठगोदाम
  6. किच्छा
  7. कोटद्वार
  8. लालकुआं जंक्शन
  9. रामनगर
  10. रुड़की
  11. टनकपुर

रेलवे सुधारों में ऐतिहासिक निवेश

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि वर्ष 2009 से 2014 के बीच उत्तराखंड को केवल ₹187 करोड़ का रेल बजट प्राप्त हुआ था, जबकि इस वर्ष इसे 25 गुना अधिक राशि आवंटित की गई है। रेलवे को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा ₹2.52 लाख करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है, जिसमें कई महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं:

  • 17,500 सामान्य कोचों का निर्माण
  • 200 वंदे भारत ट्रेनें
  • 100 अमृत भारत ट्रेनें
  • 4.6 लाख करोड़ की नई रेलवे परियोजनाएं
  • 1,000 नए फ्लाईओवर और अंडरपास

माल ढुलाई में भारत बनेगा दूसरा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क

भारत रेलवे के माल ढुलाई क्षेत्र में भी एक बड़ी छलांग लगाने को तैयार है। 31 मार्च 2025 तक भारत की माल ढुलाई क्षमता 1.6 बिलियन टन तक पहुंचने की उम्मीद है, जिससे यह चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे माल परिवहन नेटवर्क बन जाएगा।

100% विद्युतीकरण की ओर कदम

वर्तमान वित्त वर्ष के अंत तक भारतीय रेलवे 100% विद्युतीकरण पूरा करने जा रहा है। इससे रेलवे की ऊर्जा दक्षता बढ़ेगी और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी, जिससे पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा।

रेलवे सुरक्षा बजट में वृद्धि

रेलवे परिचालन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बजट में सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों को भी मजबूत किया गया है। इस मद में 1.08 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1.14 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जिसे अगले वित्त वर्ष में और बढ़ाकर 1.16 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा।

रेलवे सुधारों से उत्तराखंड को मिलेगा बड़ा लाभ

रेल बजट 2025 में उत्तराखंड के लिए विशेष योजनाओं और परियोजनाओं की घोषणा की गई है, जो राज्य के विकास, पर्यटन और यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने में सहायक होंगी। रेलवे को आधुनिक बनाने और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के साथ-साथ सरकार उत्तराखंड में रेल सुविधाओं के विस्तार पर विशेष ध्यान दे रही है।

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