इन दिनों महाराष्ट्र की एक प्रशिक्षु IAS अधिकारी पर फर्जी प्रमाणपत्रों को लेकर गंभीर आरोप लगे हैं। यह मामला अब सुर्खियों में है और केंद्र सरकार ने इसकी जांच के लिए एक सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस मामले ने उत्तराखंड के एक IAS अधिकारी पर भी सवालिया निशान लगा दिया है।महाराष्ट्र की प्रशिक्षु IAS अधिकारी पर आरोपमहाराष्ट्र की इस प्रशिक्षु IAS अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने फिटनेस और ओबीसी का गलत प्रमाणपत्र लगाकर सिविल सेवा परीक्षा पास की है। इस आरोप के मद्देनजर केंद्र सरकार ने एक सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है, जो दो सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।उत्तराखंड के IAS अधिकारी पर सवालमहाराष्ट्र के इस मामले के बाद अब उत्तराखंड के एक IAS अधिकारी पर भी गलत प्रमाणपत्र लगाकर परीक्षा पास करने के आरोप लग रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर तेजी से फैल रहे एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि यह अधिकारी शारीरिक रूप से दिव्यांग नहीं दिखता, जबकि उसने दिव्यांगता का प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था। प्रशासन का बयानउत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव (कार्मिक) आनंद बर्धन ने इस मामले पर कहा है कि राज्य शासन को इस प्रकार की कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि इस प्रकार का कोई प्रकरण सामने आता है, तो उस पर निर्णय लेना भारत सरकार और संघ लोक सेवा आयोग का काम है।फर्जी प्रमाणपत्रों के माध्यम से सिविल सेवा परीक्षा पास करने के आरोप गंभीर हैं और इनकी जांच आवश्यक है।
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यह मामले प्रशासनिक प्रक्रियाओं और पारदर्शिता पर सवाल खड़े करते हैं। आने वाले दिनों में केंद्र सरकार की जांच समिति की रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि इन आरोपों में कितनी सच्चाई है।