खबर उत्तराखंड से है जहां उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उत्तराखंड वन विभाग और भारतीय वन्य जीव संस्थान द्वारा 2021 में जुलाई से लेकर नवंबर तक हिम तेदुओं की गणना की गई।ये गणना भारत सरकार के वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा संचालित Snow Leopard Population Assessment In India कार्यक्रम के तहत की गई।जी हाँ बता दें की गणना के लिए उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित गोविंद राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्य जीव विहार, केदारनाथ वन्य जीव विहार, नंदादेवी बायोस्फियर रिजर्व , गंगोत्री रार्ष्टीय उद्यान, मुन्सयारी और पिथौरागढ़ के साथ ही ट्रांस हिमालयन एरिया में कैमरा ट्रेप लगाकर हिम तेंदुओं का विवरण इकटठा किया गया। लंबे एनालिसिस के बाद शुक्रवार को ये आंकडे जारी कर दिए गए।
आपको बता दें की आंकडों के अनुसार उत्तराखंड में हिम तेदुओं की संख्या बढ़कर 121 पहुंच गई है।इससे पहले 2016 में गणना की गई थी जिसमें इनकी संख्या 86 काउंट की गई थी।तब पूरे भारत में 516 हिम तेंदुआ काउंट किए गए थे। पूरे विश्व में केवल 12 देशों में ही हिम तेंदुओं की उपस्थिति दर्ज की गई है। इनकी संख्या करीब तीन हजार से सात हजार के बीच काउंट की गई है।
वहीं उतराखंड के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन समीर सिन्हा ने इस बात पर खुशी जाहिर की और कहा कि रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई है कि उत्तराखंड के उच्च हिमालयी संरक्षित क्षेत्रों में हिम तेंदुओं का घनत्व अधिक है।समीर सिन्हा ने कहा कि हिम तेदुओं की बढ़ती तादाद इस बात का संकेत है कि उत्तराखंड में हिम तेंदुआ संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयास सफल हो रहे हैं।वन मंत्री सुबोध उनियाल ने भी हिम तेदुओं की बढ़ती संख्या पर खुशी जाहिर की है।उन्होंने इसके लिए डब्लूडब्लूएफ, वन विभाग के सभी अफसरों, कर्मचारियों, इस कार्य में लगे गैर सरकार संगठनों को भी बधाई दी है।
बता दें, हिम तेदुआं उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पाए जाने वाले कैट फैमिली का मेंबर है।कैट फेमली में ये एक मात्र प्रजाति है जो दहाड़ नहीं सकती, लेकिन घुर्रा सकती है। इनकी खाल पर सलेटी और सफेद फर होता है जिन पर गहरे लाल रंग के धब्बे होते हैं।इनका फर बहुत लंबा और मोटा हेाता है, जो इन्हें ऊंचे ठंडे स्थानों पर भीषण सर्दी से बचा कर रखता है।बर्फ में आसानी से चल सकें इसलिए इनके पैर भी बड़े और ऊनी होते हैं। हिम तेंदुआ आम तौर पर रात को सक्रिय होते हैं। ये अकेले रहने वाला जानवर है।हिम तेंदुआ को IUCN की रेड लिस्ट में रखा गया है।