उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लागू किया है। इस कानून के तहत विवाह, तलाक, उत्तराधिकार, और लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़े सभी कार्यों का पंजीकरण किया जा सकेगा। इसके लिए नागरिकों को कहीं जाने की आवश्यकता नहीं होगी, वे घर बैठे ही ucc.uk.gov.in पोर्टल पर पंजीकरण कर सकते हैं।
लिव-इन रिलेशनशिप की पंजीकरण और समाप्ति की सुविधा
नए कानून के तहत लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़े आपसी सहमति से पंजीकरण कर सकते हैं। यदि दोनों साथी सहमत हों, तो यह पंजीकरण समाप्त भी किया जा सकता है। हालांकि, एक साथी के आवेदन पर दूसरे साथी की सहमति अनिवार्य होगी।
पंजीकरण के लिए तीन स्तर की व्यवस्था
समान नागरिक संहिता के तहत पंजीकरण प्रक्रिया को आसान और सुलभ बनाने के लिए तीन स्तरों पर व्यवस्था की गई है:
- ग्राम पंचायत स्तर: ग्राम पंचायत विकास अधिकारी उप रजिस्ट्रार होंगे।
- नगर पालिका और पंचायत स्तर: अधिशासी अधिकारी रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करेंगे।
- नगर निगम स्तर: कर अधीक्षक सब-रजिस्ट्रार और नगर आयुक्त रजिस्ट्रार होंगे।
शिकायतों के निस्तारण के लिए रजिस्ट्रार जनरल
पंजीकरण से संबंधित किसी भी शिकायत के निस्तारण के लिए रजिस्ट्रार जनरल नियुक्त किए जाएंगे। नागरिक अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं, जिनका निस्तारण तय समय सीमा के भीतर किया जाएगा।
शुल्क और सीएचसी के माध्यम से पंजीकरण
सरकार पंजीकरण शुल्क तय कर रही है, जो 50 रुपये से 500 रुपये तक हो सकता है। नागरिक कॉमन सर्विस सेंटर (सीएचसी) के माध्यम से भी पंजीकरण करा सकते हैं। सीएचसी के जरिए पंजीकरण के लिए 50 रुपये का अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा।
उत्तराधिकार पंजीकरण के लिए जरूरी दस्तावेज
उत्तराधिकार पंजीकरण के लिए आवेदक को नाम, पता और गवाहों की जानकारी देनी होगी। वसीयत को पोर्टल पर अपलोड कर पंजीकरण, संशोधन और रद्द करने की सुविधा दी गई है।
तलाक के लिए कोर्ट का आदेश अनिवार्य
तलाक के मामलों में पंजीकरण अनिवार्य होगा, लेकिन इसके लिए कोर्ट का आदेश आवश्यक होगा। बिना कोर्ट के आदेश के तलाक का पंजीकरण नहीं किया जा सकेगा।
पोर्टल की सुरक्षा और डिजास्टर रिकवरी
साइबर हमलों से बचाव के लिए समान नागरिक संहिता के पोर्टल को सुरक्षित और क्लाउड-बेस्ड बनाया गया है। इसमें डिजास्टर रिकवरी की भी व्यवस्था की गई है।
पोर्टल से घर बैठे पंजीकरण और शिकायत ट्रैकिंग
नागरिक अपने मोबाइल या कंप्यूटर से ucc.uk.gov.in पर पंजीकरण कर सकते हैं। ईमेल और एसएमएस के जरिए आवेदन और शिकायतों को ट्रैक करने की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
पंजीकरण आंकड़े होंगे सार्वजनिक
समान नागरिक संहिता के तहत किए गए पंजीकरण के आंकड़े सार्वजनिक किए जाएंगे। हालांकि, किसी की निजी जानकारी को सार्वजनिक करने से पहले संबंधित व्यक्ति की अनुमति ली जाएगी।
वेब पोर्टल का मॉक ड्रिल परीक्षण
प्रदेश स्तर पर वेब पोर्टल की जांच के लिए मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इसमें रजिस्ट्रार और सब-रजिस्ट्रार पोर्टल के माध्यम से कार्यों का परीक्षण करेंगे।
26 जनवरी से लागू होने की संभावना
समान नागरिक संहिता के नियमों को तैयार करने में 10 महीने और 22 दिन का समय लगा। इसे 8 मार्च 2024 को सदन में पारित किया गया और 12 मार्च को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली। अब यह 26 जनवरी 2025 से लागू होने की संभावना है।
उत्तराखंड ने समान नागरिक संहिता लागू कर देश में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जो सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान करेगा।
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