Demo

अब 10वीं से 12वीं तक के छात्र भी बिजनेस के नए आइडिया से उद्यमी बन सकेंगे। जी हाँ, बता दें की इसके लिए स्टार्टअप नीति में बदलाव किया जा रहा है। नई नीति के तहत सरकार स्कूली छात्रों को भी उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करेगी।


आपको बता दें की उत्तराखंड में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 2018 में स्टार्टअप नीति लागू की थी। इस नीति में तकनीकी शिक्षण संस्थानों के छात्रों को ही स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित करने पर फोकस है।

वहीं अब सरकार नए बिजनेस आइडिया के साथ सामने आने वाले स्कूली छात्रों को उद्यमी बनने में मदद करेगी। शासन स्तर पर नई नीति के प्रस्ताव का वित्त विभाग को प्रस्तुतिकरण दिया गया। आइडिया चयन के लिए जिला स्तर पर कमेटी बनाने का प्रावधान किया जा रहा है।

स्टार्टअप में वित्तीय सहायता के लिए सरकारी क्षेत्र में वेंचर फंड बनाया जाएगा। इससे नए उद्यमियों को निवेशक नहीं ढूंढने पड़ेंगे। स्टार्टअप को सरकार की ओर से प्रति माह दिए जाने वाला भत्ता भी बढ़ाया जाएगा।
अभी तक स्टार्टअप के लिए छात्रों को सबसे पहले कंपनी का पंजीकरण करना होता है। इसके बाद ही बिजनेस आइडिया के आधार पर सरकार स्टार्टअप की मान्यता देती है। नई नीति में स्कूली छात्रों के लिए यह शर्त नहीं रहेगी।


स्टार्टअप नीति-2018
बता दें की बिजनेस स्थापित करने के लिए स्टार्टअप को एक साल तक 10 हजार रुपये प्रति माह भत्ता दिया जाता है। एससी, एसटी, महिला, दिव्यांगों के स्टार्टअप को ए श्रेणी के जनपदों में 15 हजार प्रति माह भत्ता मिलता है। स्टांप शुल्क में शत प्रतिशत छूट, उत्पाद का पेटेंट कराने के लिए एक से पांच लाख की वित्तीय सहायता, मार्केटिंग के लिए पांच से 7.50 लाख सहायता दी जाती है। इन्क्यूबेटर सेंटर के लिए पूंजीगत व्यय पर 50 प्रतिशत या अधिकतम एक करोड़ की वित्तीय सहायता मिलती है।

यह भी पढ़े –गुलदार का आतंक,12साल के किशोर को बनाया अपना शिकार, खून के धब्बों की सहायता से जंगल में शव तक पहुंचे ग्रामीण*


स्टार्टअप नीति के प्रस्ताव पर वित्त विभाग के साथ चर्चा हो चुकी है। जल्द ही नीति का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा। नई नीति में स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन बढ़ाया जा रहा है। स्कूली छात्रों के पास बिजनेस के लिए नया आइडिया है तो उन्हें स्टार्टअप के रूप में प्रोत्साहित किया जाएगा। -डॉ. पंकज कुमार पांडेय, सचिव उद्योग।

Share.
Leave A Reply