आपको शायद सुनकर हैरानी जरूर होगी लेकिन यह कड़वा सत्य है कि जानवरों को भी ‘उम्रकैद हो सकती है। जी हाँ,हरिद्वार के पास चिड़ियापुर स्थित रेस्क्यू और पुनर्वास सेंटर में ऐसे ही नौ गुलदार हैं, जो ताउम्र वहीं रहेंगे। उनकी आगे की उम्र अब यहीं गुजरने वाली है । अब ना वो जंगल देख सकेंगे और ना आजादी से घूम सकेंगे। इनको वहां पिंजरों में कैद रखा गया है।
आपको बता दें की प्रदेश के विभिन्न इलाकों से पकड़े गए इन गुलदारों को रूबी, रॉकी, दारा, मुन्ना, जाट, मोना, गब्बर जैसे नामों से जाना जाता है। इनको वहां चिकन, मटन और अलग अलग तरीके का मांस भी खाने को दिया जाता है। कुछ देर के लिए बाड़े में भी छोड़ा जाता है, लेकिन फिर पिंजरे में डाल दिया जाता है। इनकी जिंदगी एक सजायाफ्ता कैदी जैसी ही है, जो मरते दम तक शायद ऐसी ही रहेगी। वन विभाग का कहना है कि इनमें से कइयों के दांत टूटे हैं। कुछ की आंख में चोट है। कुछ के हाथ पैर में चोट है।
इस कारण वे अब जंगल में सर्वाइव नहीं कर सकते। वहीं कुछ आदमखौर हैं तो उनको जंगल में फिर से नहीं छोड़ सकते। चीफ वाडल्ड लाइफ वार्डन डा. समीर सिन्हा ने कहा कि इन जानवरों को पकड़कर वहां रखा जाता है, लेकिन इनमें से कुछ आदमखौर हो गए हैं, कुछ अपंग हो गए हैं। ऐसे में इनका जंगल में जाना उनकी खुद की या दूसरों की जान के लिए खतरा है। ऐसे में इनको यहीं रखकर उनका पालन पोषण किया जा रहा है। ये जंगल में सर्वाइव नहीं कर सकेंगे।