देहरादून: नए साल का जश्न मनाने के लिए उत्तराखंड में सैलानियों की भारी भीड़ उमड़ चुकी है। प्रदेश के तमाम पर्यटन स्थलों पर रौनक बढ़ गई है। हालांकि, जश्न के दौरान कई बार दुर्घटनाएं हो जाती हैं, और मरीजों को समय पर इलाज न मिलने की शिकायतें सामने आती हैं। इसे देखते हुए उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने सभी अस्पतालों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, आपातकालीन प्रबंधन के लिए एक नई एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) भी जारी की गई है।
10 मिनट के भीतर इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने प्रदेश के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों और सरकारी अस्पतालों को निर्देश दिया है कि आपातकालीन चिकित्सा प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाया जाए। एसओपी के अनुसार, किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में मरीज को 10 मिनट के भीतर इलाज प्रदान करना अनिवार्य होगा। यदि इसमें लापरवाही होती है, तो संबंधित मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक या प्राचार्य को जवाबदेह ठहराया जाएगा।
आपातकालीन सेवाओं को लेकर सख्त दिशा-निर्देश
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन में क्लीनिक प्रोटोकॉल, डॉक्यूमेंटेशन, और क्वालिटी एश्योरेंस पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया है। मंगलवार को इस संबंध में सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में आपातकालीन प्रबंधन को बेहतर बनाने और मरीजों को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने पर चर्चा की गई।
दून मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह तैयार
देहरादून स्थित दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की इमरजेंसी सेवाओं को विशेष रूप से अलर्ट पर रखा गया है। अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टरों की ड्यूटी रोस्टर के अनुसार तय की है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में मरीजों को समय पर उपचार मिल सके।
सावधानीपूर्वक जश्न मनाने की अपील
दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा अधीक्षक, डॉ. अनुराग अग्रवाल ने कहा कि नए साल का स्वागत जिम्मेदारी और समझदारी के साथ करना चाहिए। उन्होंने बताया कि अक्सर लोग शराब के नशे में वाहन चलाते हैं, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ जाती हैं। अस्पताल प्रशासन ने इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है।
होटल और रेस्टोरेंट्स में जोरों पर तैयारियां
31 दिसंबर को नए साल के जश्न को लेकर देहरादून के होटल और रेस्टोरेंट्स में भी जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं। शहर में विभिन्न जगहों पर आयोजन किए जा रहे हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की लापरवाही न करें और सुरक्षित तरीके से नए साल का स्वागत करें।
उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग द्वारा उठाए गए ये कदम यह सुनिश्चित करते हैं कि नए साल के जश्न के दौरान किसी भी आपात स्थिति में लोगों को त्वरित और समुचित चिकित्सा सुविधा मिल सके।