देहरादून में बढ़ते यातायात और पार्किंग की समस्या को देखते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने शहर के विभिन्न हिस्सों में पार्किंग सुविधाएं विकसित करने के लिए कदम उठाए हैं। शहर में बढ़ते ट्रैफिक जाम और सड़क किनारे अवैध पार्किंग के कारण यातायात व्यवस्था चरमरा रही थी। इस समस्या से निपटने के लिए काबुल हाउस सहित अन्य स्थानों पर नई पार्किंग सुविधाओं का निर्माण शुरू किया गया है।
काबुल हाउस में 285 गाड़ियों की पार्किंग क्षमता
सर्वे चौक के पास स्थित काबुल हाउस में 285 वाहनों की क्षमता वाली सामान्य पार्किंग का निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है। इस परियोजना पर 99.35 लाख रुपये का खर्च अनुमानित है। इसका कार्य ग्रामीण निर्माण विभाग को सौंपा गया है। विभाग के अधिशासी अभियंता विनीत के अनुसार, यह पार्किंग चार माह के भीतर पूरी कर दी जाएगी।
आटोमेटेड पार्किंग की योजना
शहर में पहली बार आटोमेटेड पार्किंग सुविधाओं को विकसित करने पर भी काम किया जा रहा है। इन योजनाओं का उद्देश्य शहर के केंद्र में पार्किंग को सुव्यवस्थित और सुविधाजनक बनाना है।
- स्थान: लैंसडौन चौक से गांधी पार्क और परेड ग्राउंड के बीच
- लागत: 4.72 करोड़ रुपये
- वाहन क्षमता: 129
- स्थान: लैंसडौन चौक पर तिब्बती मार्केट के पास
- लागत: 4.96 करोड़ रुपये
- वाहन क्षमता: 132
इन दोनों परियोजनाओं के लिए तकनीकी निविदा प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और 12 दिसंबर को वित्तीय निविदा खोली जाएगी। इसके बाद चयनित कंपनी के साथ अनुबंध तैयार कर निर्माण शुरू होगा।
आटोमेटेड पार्किंग सिस्टम का परिचय
आटोमेटेड पार्किंग सिस्टम (APS) एक यांत्रिक प्रणाली है, जो कम जगह में अधिक वाहनों को पार्क करने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह प्रणाली मल्टीस्टोरी गैरेज की तरह काम करती है, जहां वाहन लंबवत रूप से खड़े किए जाते हैं। इसमें रोबोटिक तकनीक का उपयोग होता है, जिससे ड्राइवर की आवश्यकता समाप्त हो जाती है।
- कैसे काम करता है?
ड्राइवर वाहन को प्रवेश क्षेत्र तक लाता है और वाहन खाली करने के बाद, इसे यांत्रिक प्रणाली द्वारा उठाकर निर्धारित स्थान पर पार्क किया जाता है।
पार्किंग परियोजनाओं का उद्देश्य
इन नई योजनाओं का मुख्य उद्देश्य शहर में यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाना, सड़क किनारे पार्किंग के कारण लगने वाले जाम को कम करना और पर्यटकों व स्थानीय निवासियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना है। आने वाले समय में इन योजनाओं के पूरा होने से देहरादून को एक नई पहचान मिलेगी।
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