नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शारदा कोरिडोर परियोजना की प्रगति को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस परियोजना के कार्यों में तेजी लाई जाए और इसे समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि जल्द ही भूमि का संयुक्त सर्वेक्षण (ज्वाइंट सर्वे) किया जाए, ताकि परियोजना के लिए आवश्यक भूमि अधिग्रहण और विकास कार्यों को सुचारू रूप से आगे बढ़ाया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शारदा कोरिडोर परियोजना के तहत न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा, बल्कि इससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ किया जाएगा। इस परियोजना के तहत शारदा नदी के किनारे एक भव्य रिवरफ्रंट विकसित किया जाएगा, जिसमें श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इस रिवरफ्रंट में सुंदर घाटों का निर्माण, सौंदर्यीकरण और आधुनिक सुविधाओं का समावेश किया जाएगा, जिससे यह क्षेत्र एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो सके।
भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का अध्ययन और सुरक्षा उपायों पर जोर
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शारदा कोरिडोर क्षेत्र में भूस्खलन की संभावना वाले संवेदनशील इलाकों का गहन अध्ययन किया जाए। इस अध्ययन के आधार पर उचित सुरक्षा उपाय किए जाएं, जिससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वैज्ञानिक पद्धति से भूस्खलन रोकने के उपाय किए जाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाया जाए।
धार्मिक पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि शारदा और गंगा कोरिडोर परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है। उन्होंने कहा कि ये दोनों परियोजनाएं एक-दूसरे से अलग होंगी और प्रत्येक का अपना विशिष्ट डिजाइन होगा। शारदा कोरिडोर के तहत क्षेत्र के आर्थिक, पर्यटन और आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए विभिन्न योजनाओं पर कार्य किया जाएगा, जिससे स्थानीय व्यापार और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी।
इस महत्वपूर्ण बैठक में पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज, राज्यसभा सांसद श्री नरेश बंसल, सचिव श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, स्थानिक आयुक्त श्री अजय मिश्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने इस परियोजना को उत्तराखंड के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया और इसे तेजी से पूरा करने के लिए मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया।
शारदा कोरिडोर परियोजना के सफल क्रियान्वयन से उत्तराखंड न केवल धार्मिक पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बनेगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी नई मजबूती मिलेगी।